इकबाल सिंह उत्तरी दिल्ली के मेयर रह चुके हैं और दूसरी बार निगम पार्षद चुनकर आए हैं। 2017 से 2018 तक वे पहले सिविल लाइंस जोन के अध्यक्ष रहे हैं। इकबाल जून, 2023 से विपक्ष के नेता के रूप में काम कर रहे हैं। तब करीब 15 साल बाद भाजपा के किसी नेता को ये पद मिला था। फिलहाल वे मुखर्जी नगर से पार्षद हैं। उनके ससुर जहांगीरपुरी से 3 बार पार्षद रह चुके हैं।
अकाली दल में रहे हैं इकबाल सिंह
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इकबाल सिंह ने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज से BSc की डिग्री हासिल की है। इसके बाद मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से LLB की पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले इकबाल सिंह अमेरिका में कामकाज करते थे। इकबाल सिंह और उनका परिवार लंबे समय से अकाली दल से जुड़ा हुआ था। हालांकि, किसान कानूनों को लेकर अकाली दल के भाजपा से संबंध तोड़ने के बाद इकबाल भाजपा में शामिल हो गए।
AAP ने चुनावों से क्यों बनाई दूरी?
AAP के नेता सौरभ भारद्वाज और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा,कि MCD मेयर चुनाव में AAP इस बार अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। भाजपा ने पहले भी MCD का चुनाव रुकवा दिया था। परिसीमन के दौरान वार्डों को इधर-उधर किया गया। परिसीमन के दौरान जबरदस्त गड़बड़ी और भ्रष्टाचार किया गया। इसके बावजूद BJP चुनाव हारी और AAP की सरकार बनी। AAP MCD में भी मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी। हम तोड़फोड़ और खरीद-फरोख्त की राजनीति नहीं करते हैं।







