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हिंद के सितारों ने अंग्रेजों की धरती पर मचाया धमाल, तो चलिए जानते हैं ब्रिटेन के आम चुनाव में किन्हें मिली है जीत

ब्रिटेन के आम चुनाव (UK General Election) में हिंद के सितारों ने अंग्रेजों की धरती पर धमाल मचा दिया है। जी हां, भारतीय मूल के यानी कई ब्रिटिश इंडियन कैंडिडेट्स (British Indian Candidates) ने ब्रिटेन के आम चुनाव (UK General Election) में जीत का परचम लहराया है। ब्रिटेन में लेबर पार्टी (Labour Party) का 14 सालों का वनवास खत्म हो गया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। ब्रिटेन के आम चुनाव (UK General Election) में हिंद के सितारों ने अंग्रेजों की धरती पर धमाल मचा दिया है। जी हां, भारतीय मूल के यानी कई ब्रिटिश इंडियन कैंडिडेट्स (British Indian Candidates) ने ब्रिटेन के आम चुनाव (UK General Election) में जीत का परचम लहराया है। ब्रिटेन में लेबर पार्टी (Labour Party) का 14 सालों का वनवास खत्म हो गया है। लेबर पार्टी (Labour Party) की आंधी में कंजर्वेटिव पार्टी उड़ गई। कीर स्टार्मर ने 14 सालों बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी करा दी है। अब वह ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। खुद ऋषि सुनक (Rishi Sunak)  ने उन्हें बधाई दी और कंजर्वेटिव की हार की जिम्मेदारी ली है। ब्रिटेन में हाउस ऑफ कॉमन्स की कुल 650 सीटें हैं। इस बार 107 भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। तो चलिए जानते हैं इनमें से किन्हें जीत मिली है।

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ऋषि सुनक : ऋषि सुनक (Rishi Sunak) अपना चुनाव जीत गए हैं, पर पार्टी को जिताने में वह असफल रहे। ब्रिटेन के मौजूदा प्रधानमंत्री सुनक ने नॉर्दन इंग्लैंड सीट से जीत बरकरार रखी है। ब्रिटेन चुनाव (UK  Election) में कंजर्वेटिव को अभी तक 119 सीटें मिली हैं। सुनक ब्रिटेन के पहले एशियन प्राइम मिनिस्टर हैं। वह बोरिस जॉन्सन सरकार में भी कैबिनेट मंत्री थे।

प्रीत कौर गिल : लेबर पार्टी की कैंडिडेट प्रीत कौर गिल भी चुनाव जीत गई हैं। प्रीत कौर गिल बर्म्हिंगम एजबस्टन सीट से चुनाव जीती हैं। हालांकि, प्रीत कौर गिल भारत विरोधी बयान के लिए जानी जाती हैं। किसान आंदोलन का उन्होंने समर्थन किया था। उन्होंने हाउस ऑफ कॉमंस में आरोप लगाया कि भारत से संबंध रखने वाले एजेंट ब्रिटेन में सिखों को निशाना बना रहे हैं।

प्रीति पटेल : प्रीति पटेल ने कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) के टिकट पर लेबर पार्टी के कैंडिडेट को मात दी है। गुजराती मूल की इस राजनेता ने 2019 से 2022 तक गृह सचिव के रूप में कार्य किया है। कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party)  की प्रीति पटेल 2010 से ही सांसद रही हैं।

गगन मोहिंद्र : गगन मोहिंद्र पंजाबी हिंदू फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं। वह कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) के सदस्य हैं। वह यूके जनरल इलेक्शन (UK General Election)  में साउथ वेस्ट हर्ट्स से चुनाव जीते हैं। गगन को 16, 458 वोट्स मिले हैं। उनके माता-पिता पंजाब से थे। गगन मोहिंद्र के जन्म से पहले ही वो यूके चले गए थे।

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कनिष्क नारायण : लेबर पार्टी (Labour Party) के सदस्य कनिष्क नारायण ने ब्रिटेन आम चुनाव में जीत हासिल की है। कनिष्क नारायण का जन्म बिहार के मुजप्फरपुर में हुआ है। वह 12 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए यूके (UK) चले गए थे। उन्होंने ऑक्सफोर्ड और फिर स्टैनफोर्ड में पढ़ाई की है। वह सिविल सेवक रह चुके हैं। वह प्राइवेट सेक्टर में भी काम कर चुके हैं।

शिवानी राजा : कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) की नेता शिवानी राजा ने लीसेस्टर ईस्ट से जीत का परचम लहराया है। उन्होंने लेबर पार्टी के राजेश अग्रवाल और बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर पूर्व सांसद क्लाउड वेब्बे और कीथ वाज को हराया।

तनमनजीत सिंह धेसी : सिख नेता तनमनजीत सिंह धेसी स्लॉ से दोबारा सांसद बने हैं। तनमनजीत सिंह धेसी ब्रिटिश संसद के पहले पगड़ीधारी सिख सांसद हैं।

नवेन्दु मिश्रा : लेबर पार्टी (Labour Party) के सदस्य नवेंदु मिश्रा ने स्टॉकपोर्ट सीट से जीत हासिल की है। उन्होंने 2019 के चुनावों में भी इस सीट पर परचम लहराया था। उनकी मां गोरखपुर से आती हैं, जबकि उनके पिता उत्तर प्रदेश के कानपुर से हैं। नवेन्दु मिश्रा 21,787 वोटों के साथ फिर से सांसद चुने गए हैं। इस सीट पर 1992 से हर चुनाव में लेबर पार्टी (Labour Party)  के सांसद ने जीत दर्ज की है।

लीसा नंदी : लेबर पार्टी (Labour Party)  की सदस्य लीसा नंदी ने 19,401 वोटों के साथ 2014 से विगन सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। वह कोलकाता में जन्मे एक प्रसिद्ध शिक्षाविद दीपक नंदी की बेटी हैं, जो ब्रिटेन में नस्ल संबंधों में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। वह 2010 से विगन का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

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सुएला ब्रेवरमैन : भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन फेयरहैम और वाटरलूविल सीटों से जीती हैं। सुनक के नेतृत्व वाली सरकार के पिछले कैबिनेट फेरबदल के दौरान ब्रेवरमैन ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि मेट्रोपॉलिटन पुलिस फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ नरमी बरत रही है। हालांकि, उनकी जगह जेम्स क्लेवरली को आंतरिक मंत्री बनाया गया। वह 2015 से 2024 तक फेयरहैम की सांसद थीं।

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