बुलडोजर बाबा के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद प्रदेश में सियासी पारा बढ़ गया है। एलडीए ने 28 मार्च से अवैध कब्जों तथा निर्माणों पर कार्यवाही करना शरू कर दिया है। जिसको लेकर एलडीए उपाध्यक्ष ने रविवार को इंजीनियरों तथा जोनल अधिकारियों के साथ बैठक की और साथ ही निर्णय किया की किसी भी प्रकार के अवैध कब्जो को ध्वस्त करने के लिए नोटिस की जरूरत नही है।
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को विपक्ष ने बुलडोजर बाबा की उपाधि दे डाली थी। सीएम योगी को मिली इस पदवी को 2022 के चुनाव में जनता ने सर आंखों पर बैठाते हुए बीजेपी गठबंधन को 273 सीटें देते हुए बुलडोजर बाबा की दोबारा ताजपोशी का रास्त साफ कर दिया ।
इसके बाद बीते 25 मार्च को सीएम योगी आदित्यनाथ दोबारा सत्तारूढ़ हो गए हैं। अब सीएम योगी के सत्ता में आने के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण एलडीए भी एक्शन में आता दिख रहा है। इसके तहत एलडीए ने सोमवार 28 मार्च से अवैध कब्जों तथा निर्माणों पर कार्रवाई करना शरू कर दिया है। जिसको लेकर एलडीए उपाध्यक्ष ने बीते रविवार को इंजीनियरों तथा जोनल अधिकारियों के साथ बैठक की और साथ ही निर्णय किया कि किसी भी प्रकार के अवैध कब्जों को ध्वस्त करने के लिए नोटिस की जरूरत नहीं है।
बता दें कि एलडीए के कई जमानों पर अवैध कब्जा है। जो अरबों रूपयों से उपर के है। यह कब्जा कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ-साथ कुछ नेताओं ने की भी बताई जा रही है। जिसको लेकर प्राधिकरण उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बैठक बुलाई। इसके साथ ही आदेश दिया कि एलडीए को किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए नोटिस की जरूरत नहीं है।
बता दें कि एलडीए ने यह भी कहा कि बिना नक्शा या नक्शे के विपरीत बने मकानों इमारतों को भी ध्वस्त किया जाए। इस संबंध में इंजीनियरों ने अवैध बिल्डिंग तथा कब्जों की सूची तैयार कराई है।