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कनाडा में हिंदू आस्था प्रतीक चिन्ह स्वस्तिक को लेकर शुरू हुआ अभियान, जानिए क्या है पूरा मामला

Canada Reclaim Swastika Campaign News: पिछले दिनों कनाडा में इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas war) को लेकर हुए प्रदर्शनों में यहूदी स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों को निशाना बनाया गया था। इस दौरान नाजी स्वस्तिक प्रतीक को भी प्रदर्शित किया गया था, जिस पर ट्रूडो ने प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इन यहूदी विरोधी घटनाओं में वृद्धि के बाद कनाडाई अधिकारियों ने नाजी स्वस्तिक प्रतीक के इस्तेमाल के खिलाफ कदम उठाया था। वहीं, अब इस प्रतीक को हिंदू पवित्र प्रतीक स्वस्तिक (Swastika) के साथ जोड़ने के खिलाफ इंडो-कनाडाई समुदाय संगठन ने एक अभियान शुरू किया है। 

By Abhimanyu 
Updated Date

Canada Reclaim Swastika Campaign News: पिछले दिनों कनाडा में इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas war) को लेकर हुए प्रदर्शनों में यहूदी स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों को निशाना बनाया गया था। इस दौरान नाजी स्वस्तिक प्रतीक को भी प्रदर्शित किया गया था, जिस पर ट्रूडो ने प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इन यहूदी विरोधी घटनाओं में वृद्धि के बाद कनाडाई अधिकारियों ने नाजी स्वस्तिक प्रतीक के इस्तेमाल के खिलाफ कदम उठाया था। वहीं, अब इस प्रतीक को हिंदू पवित्र प्रतीक स्वस्तिक (Swastika) के साथ जोड़ने के खिलाफ इंडो-कनाडाई समुदाय संगठन ने एक अभियान शुरू किया है।

पढ़ें :- Israel–Hamas war : गाजा में युद्ध समाप्त करने की मांग को लेकर इजरायली प्रदर्शनकारियों ने निकाला मार्च

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा में यहूदी विरोधी घटनाओं (Anti-Jewish Incidents) में वृद्धि के बाद नाजी स्वस्तिक प्रतीक (Nazi Swastika Symbol) के इस्तेमाल को लेकर पीएम जस्टिन ट्रूडो जैसे नेताओं ने भी निंदा की। ट्रूडो ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘पार्लियामेंट हिल पर एक व्यक्ति की ओर से स्वस्तिक का प्रदर्शन अस्वीकार्य है। टोरंटो पुलिस ने भी स्वस्तिक को घृणा का प्रतीक बताया है और चेतावनी दी है कि इसके उपयोग के परिणामस्वरूप आपराधिक आरोप लग सकते हैं।’

हालांकि, अब इस प्रतीक को हिंदू पवित्र प्रतीक स्वस्तिक (Swastika) के साथ जोड़ने के खिलाफ और दोबारा हासिल करने के लिए इंडो-कनाडाई समुदाय संगठन ने एक अभियान शुरू किया है।  इंडो-कनाडाई समुदाय ने स्वस्तिक के इस्तेमाल किए जाने पर आपराधिक आरोप को लेकर आपत्ति जताई है। कैनेडियन ऑर्गेनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज एजुकेशन (COHHE) नामक संगठन ने अपना रिक्लेम स्वस्तिक अभियान शुरू किया है।

संगठन ने टोरंटो पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन अधिकारियों को लिखे एक पत्र में कहा है कि संस्कृत में स्वस्तिक शब्द का अर्थ सभी की शुभता और भलाई है। स्वस्तिक प्रतीक बहुत पवित्र है। साथ यह भी जानकारी दी है कि नाज़ियों ने कभी भी स्वस्तिक का इस्तेमाल नहीं किया और वे झुके हुए क्रॉस या हेकेन क्रूज़ का प्रयोग करते थे। स्वस्तिक को गलत तरीके से नाजी प्रतीक के साथ जोड़ा गया है। स्वस्तिक को नफरत का प्रतीक कहना अत्यंत हिंदू-विरोधी है, जबकि यह शांति और समृद्धि का प्रतीक है।

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