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कैंसर की दवा जल्द ही देश के लोगों तक पहुंचेगी, कीमत भी होगी काफी कम : डॉ. सुभाष चौहान

देश में बढ़ते कैंसर मरीजों की संख्या को लेकर एक नई तकनीकी इजाद की गई है। डॉ. सुभाष चौहान ने बताया कि, कैंसर की दवा जल्द ही देश के लोगों तक पहुंचेगी। इन दवाईयों की कीमत ज्यादा नहीं होगी। लिहाजा, आम आदमी तक ये आसानी से पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि, इन दवाईयों को भारत में ही बनाया जायेगा, जिसके कारण इसकी कीमत भी बहुत कम होगी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। देश में बढ़ते कैंसर मरीजों की संख्या को लेकर एक नई तकनीकी इजाद की गई है। डॉ. सुभाष चौहान ने बताया कि, कैंसर की दवा जल्द ही देश के लोगों तक पहुंचेगी। इन दवाईयों की कीमत ज्यादा नहीं होगी। लिहाजा, आम आदमी तक ये आसानी से पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि, इन दवाईयों को भारत में ही बनाया जायेगा, जिसके कारण इसकी कीमत भी बहुत कम होगी।

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डॉ. गीता पटेल ने बताया कि योगी सरकार के तरफ से ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को पूरे विश्व में सराहा गया है। इसका भरोसा देने में शत प्रतिशत सफल रहे हैं कि उनके कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में निवेश करना सुरक्षित है, जिस तरह प्रदेश सरकार ने इन्वेस्टर्स की हर तरह से सहायता करने हेतु अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं।

डॉ. गीता पटेल ने कहा हम नॉन रेजिडेंट इंडियन (NRI) गौरव महसूस करते हैं और हम उत्तर प्रदेश को लेकर जीरो टालरेन्स पालिसी की सराहना करते हैं। जैसे सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश के लिए काम किया वैसे ही विट्ठलभाई पटेल जो हम वल्लभ भाई पटेल के बड़े भाई के नाम से जानते हैं। जब अंग्रेजों ने मुंबई मेडिकल एक्ट को 1912 में आयुर्वेदिक मेडिसिन और यूनानी पद्धति पर बैन लगाया था। तब विट्ठलभाई पटेल ने अपनी दलीलों के माम से भारत की प्राचीन दोनों पद्धितियों के सम्बन्ध में बॉम्बे मेडिकल एक्ट में अमेंडमेंट कराया और सन् 1914 में इस एक्ट में सुधार करा कर इस बैन को हटवाया ,जिससे ये पद्धतियां पुनः चलन में आ पायी और अंग्रेजी हुकूमत की एलोपैथी के एकाधिकार को समाप्त कराया।

विट्ठल भाई और सरदार भाई पटेल ने आजीवन देश हित में कार्य किया और अपने पैतृक गांव करमसद में नयी पीढ़ी को अच्छी शिक्षा मिले उसके लिए वप्र देखा था उस स्वप्न को सच करने के लिए अपनी पैतृक भूमि शैक्षणिक संस्थान हेतु दाम में दे दी जोकि आज विद्यानगर के नाम से जाना जाता है। साथ ही करमसद गांव को अच्छी और सस्ती चिकित्सा सुविधा मिले उसके लिए भी अपनी जमीन दान कर एक बड़ा हॉस्पिटल बनवाया जिसे हम श्री कृष्णा मेडिकल के नाम से जानते हैं। करमसद गांव के पटेल एक ही पिता के वंश है जिस वंश से विट्ठल भाई और सरदार वल्लभ भाई पटेल है।

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सरदार वल्लभभाई पटेल का जो स्टैचू ऑफ यूनिटी गुजरात में मोदी ने अनावरित किया गया था उस स्टैचू के चेहरे की असल चेहरे से वास्तविकता के मिलान के लिए भी रोष पटेल जी को आमंत्रित किया था। जिनसे सरदार वल्लभ भाई पटेल के चेहरे को वास्तविक एवं सजीव रूप देने के लिए उनसे सुझाव माग गए थे।उनके द्वारा सभी सुझाव को मानते हुए स्टैचू को अंतिम रूप दिया गया, रोष पटेल सरदार वल्लभ भाई पटेल के वंशज है वह भी हमारे बीच इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा है। जिनके द्वारा उपरोक्त ऐतिहासिक जानकारी दी गयी है।

मैं डॉक्टर गीता पटेल सरदार वल्लभ भाई पटेल के वंश की पांचवी पीढ़ी हूं । उनकी पड़पोती होने के नाते गर्व के साथ भारत में निवेश कर अपने पर परदादा के इतिहास को दोहराने जा रही हूं। उनकी देश सेवा से हमारा परिवार सदैव गौरव महसूस करता है। आज योगी के सुशासन में हम आज 40 वर्षों बाद वापिस भारत में आकर देश के लिए यह क्रन्तिकारी तकनीक और दवा लेकर आ रहे हैं । जोकि पहली कैंसर की दवा होगी जो भारत में बनेगी और जो एकाधिकार विदेशी कंपनियों का है । जो मुंह मांगी कीमत इस गंभीर बीमारी के इलाज और दवाई की लेते हैं उसे हम अब भारत में ही बनाएंगे और जैसे हमने कोरोना वैक्सीन देकर पूरे विश्व को देकर सबका एकाधिकार समाप्त किया था

पुनः हम भारत के वो सभी चुनिंदा डॉक्टर्स जो इस तकनीक के जनक होंगे। जोकि अभी विदेश में कार्य कर रहे है वे सभी अब भारत लौट कर इस तकनीक को लेकर एवं दवा का निर्माण कर देश का कर्ज लौटने का प्रयास करेंगे। जिससे हमारे भारतवासियों को इस गंभीर बीमारी का महंगा इलाज करने विदेश न जाना पड़े जबकि विदेशी यहां अपना इलाज कराने यहां आप ऐसा हमारा संकल्प है।

डॉक्टर सुभाष चौहान जो विगत 35 वर्षों से अमेरिका में प्रक्टिस कर रहे है। वो भी इसी शहर लखनऊ में डॉक्टरी की पढ़ाई कर चुके हैं। कई वर्षों से इसी तकनीक पर रिसर्च कर रहे हैं उन्हीं की अगुवाई में निम्न डॉक्टर्स की टीम अब भारत में इस रिसर्च को पूरा कर क्लीनिकल ट्रायल करेगी और जल्दी ही दवा का निर्माण कर देश को सम्पर्पित करेगी जिसे उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्रीय सरकार के सहयोग से बनाया जाएगा।

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