पंजाब कांग्रेस में सियासी संकट लंबा होता जा रहा है। एक तरफ पार्टी के अंदर मुटबाजी चरम पर है तो दूसरी तरफ कई नेता, विधायक सबकी भौंहे चढ़ी हुई है। कैप्टरन अमरिंदर सिंह अब स्वाद डिप्लोमेसी के जरिये वोटबैंक को सुरक्षित रखने का जुगाड़ कर रहे हैं।
चंड़ीगढ़: पंजाब कांग्रेस में सियासी संकट लंबा होता जा रहा है। एक तरफ पार्टी के अंदर मुटबाजी चरम पर है तो दूसरी तरफ कई नेता, विधायक सबकी भौंहे चढ़ी हुई है। कैप्टरन अमरिंदर सिंह अब स्वाद डिप्लोमेसी के जरिये वोट बैंक को सुरक्षित रखने का जुगाड़ कर रहे हैं।आज कई नेताओं को उन्होंने भोजन पर आमंत्रित किया है। पंजाब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की अंतर्कलह दूर करने की कांग्रेस पूरी कोशिश कर रही है लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इसे हल करने का अबतक कोई रास्ता नहीं निकाला है।
पंजाब में लंबे समय से यह चर्चा चल रही थी कि कांग्रेस के लिए राज्य में हिंदू वोटबैंक एक बड़ा खतरा साबित हो सकती है। कांग्रेस पार्टी के कई हिंदू नेता नाराज चल रहे हैं। अब अमरिंदर सिंह ने इनकी नाराजगी दूर करने के लिए खाने पर बुलाया है।
मुख्यमंत्री ने लंच डिप्लामेसी में राज्य के 24 से ज्यादा हिंदू नेताओं व पूर्व विधायकों को बुलाया है। खाने पर पार्टी से नाराजगी भी दूर करने की कोशिश होगी। यह पहली बार नहीं है जब कैप्टन इस लंच डिप्लोमेसी का सहारा ले रहे हैं बल्कि कैप्टन इसे पहले भी आजमा चुके हैं।
मुख्यमंत्री यह बैठक ऐसे समय में कर रहे हैं जब पंजाब में पार्टी के अंदर ही राजनीति उफान पर है। नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी के बड़े नेताओं को साधने में लगे हैं तो अमरिंदर अपने राज्य के विधायक और छोटे – छोटे नेताओं की नाराजगी दूर करना चाहते हैं। चर्चा तो यहां तक है कि पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस पंजाब की कमान दे सकती है।