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कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के ख़िलाफ दर्ज हुआ मुकदमा, कमीशनखोरी का आरोप

AKTU के पूर्व कुलपति और वर्तमान में कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. विनय पाठक के खिलाफ राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर थाने में FIR दर्ज हुई है.

By टीम पर्दाफाश 
Updated Date
लखनऊ.  AKTU के पूर्व कुलपति और वर्तमान में कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. विनय पाठक के खिलाफ राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर थाने में FIR दर्ज हुई है. निजी कंपनी के एमडी ने बिल पास कराने के नाम पर जबरन वसूली करने, धमकी और गाली गलौज करने का आरोप लगाते हुए विनय पाठक समेत 2 लोगों को नामजद किया हैं. बता दें कि पर्दाफाश लगातार विनय पाठक की करतूतों को उजागर करता रहा है. पर्दाफाश की टीम विनय पाठक की कमीशनखोरी की कई खबरें पहले भी प्रकाशित कर चुकी है. विनय पाठक पर मुकदमा दर्ज होने के बाद पर्दाफाश कुलपति से जुड़े कई और भ्रष्टाचार के मामले उजागर करेगी.

शिकायतकर्ता ने कुलपति विनय पाठक पर आरोप लगाया है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि आगरा के कुलपति पद पर रहते हुए बिल पास करने के नाम पर 15 प्रतिशत कमीशन लिया करते थे. एफआईआर में रंगदारी मांगने, धमकी और गाली-गलौज सहित भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए हैं.

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कंपनी का काम हटवा देने की धमकी

वादी ने कमीशन देने में असमर्थता जताई तो कुलपति ने अपशब्द कहे और आगरा यूनिवर्सिटी से कंपनी का काम हटवा देने की धमकी दी. परेशान होकर वादी ने कमीशन देने के लिए हामी भरी. इस पर पाठक ने अजय मिश्रा से फोन पर बात कराई और भुगतान होते ही कमीशन पहुंचाने को कहा. बिल पास होने पर वादी ने अजय मिश्रा से संपर्क किया और उनके खुर्रम नगर स्थित आवास पर जाकर कमीशन के 30 लाख रुपये दे दिए.

अजय मिश्रा के खाते में ट्रांसफर किये रुपये

इस पर अजय ने तीन लाख रुपए कम होने की बात कही और घर में बंधक बना लिया. किसी तरह वादी वहां से निकला और तीन लाख रुपए की व्यवस्था कर अजय को दे दिए. आरोप है कि इसी तरह अलग-अलग बिलों को पास करने के नाम पर आरोपित पीड़ित से रुपए वसूलते रहे। वादी का कहना है कि अजय मिश्रा ने इंटरनेशनल बिजनेस फार्म्स में लाखों रुपये ट्रांसफर किये हैं.

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