केंद्र सरकार ने WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर एक बार फिर सवाल खड़ा किया है। इसे भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून और नियमों के खिलाफ बताया है। व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में कई याचिकायें दायर की गयी हैं।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर एक बार फिर सवाल खड़ा किया है। इसे भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून और नियमों के खिलाफ बताया है। व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में कई याचिकायें दायर की गयी हैं। इन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केंद्र ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ को बताया कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी भारतीय आईटी कानून और नियमों का उल्लंघन करती है।
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट को बताया कि उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के दिशानिर्देश दिए हैं। केंद्र ने साथ ही कोर्ट को बताया कि उसने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को इस सम्बंध में लिखा है। केंद्र ने कोर्ट से आग्रह किया कि जब तक इस मामले में जवाब नहीं आ जाता तब तक नई प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करने को लेकर यथास्थिति बनाए रखी जाए।
WhatsApp ने केंद्र सरकार के दावों को बताया गलत
हालांकि WhatsApp ने केंद्र सरकार के दावों को सिरे से खारिज किया है। साथ ही कोर्ट को बताया कि उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी भारतीय आईटी कानून और नियमों का पूरी तरह पालन करती है। साथ ही ये भी बताया कि उसने ये पॉलिसी 15 मई से प्रभावी कर दी है।
साथ ही WhatsApp ने कोर्ट को बताया कि यदि कोई यूजर उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेगा तो वह उसका अकाउंट डिलीट नहीं करेगा। बल्कि वह ऐसे यूजर्स को अपनी इस नई पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।