HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Chaitra Navratri Kalashsthapna Shubh Muhurat : नवरात्रि पर आज कलश स्थापना के 2 शुभ मुहूर्त, पूजन से पहले जरूर करें ये काम

Chaitra Navratri Kalashsthapna Shubh Muhurat : नवरात्रि पर आज कलश स्थापना के 2 शुभ मुहूर्त, पूजन से पहले जरूर करें ये काम

Chaitra Navratri 2024 Kalashsthapna Shubh Muhurat : आज यानी 09 अप्रैल 2024 को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष 'विक्रम संवत 2081' का शुभारंभ हो रहा है। इसी के साथ मंगलवार से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) से शुरू हो रहे हैं और इनका समापन 17 अप्रैल को कन्या पूजन के बाद होगा। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। 

By Abhimanyu 
Updated Date

Chaitra Navratri 2024 Kalashsthapna Shubh Muhurat : आज यानी 09 अप्रैल 2024 को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष ‘विक्रम संवत 2081’ का शुभारंभ हो रहा है। इसी के साथ मंगलवार से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) से शुरू हो रहे हैं और इनका समापन 17 अप्रैल को कन्या पूजन के बाद होगा। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

पढ़ें :- Chaitra Navratri 2024 :चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पर कन्या पूजन का विधान, जानें विधि

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के 9 दिन व्रत रखने और विधिवत पूजा-पाठ करने से मां दुर्गा की कृपा सदैव बनी रहती है। इस दौरान पूजा-पाठ के कुछ नियम का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल को सुबह 06:03 मिनट से प्रातः 10:16 मिनट तक, अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:57 मिनट से दोपहर 12:48 तक है। इन दोनों शुभ मुहूर्त में घटस्थापना और कलश स्थापना करना अति शुभ रहेगा।

कलश स्थापना की विधि

नवरात्रि की पूजा (Navratri puja) शुरू करने से पहले भगवान श्री गणेश को नमन करें और उनका ध्यान करें। मान्यता है किसी भी शुभ कार्य या पूजा-पाठ की शुरुआत बिना भगवान गणेश जी का ध्यान किए नहीं होती है। ऐसे में नवरात्रि पूजन (Navratri Puja) से पहले भगवान गणेश जी का जलाभिषेक करें, चंदन और पुष्प अर्पित कर नमन करें। अब कलश स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं। इसके बाद एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं। लोटे के ऊपरी हिस्से में मौली बांधें। अब इस लोटे में पानी भरकर उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाएं। मां दुर्गा को लाल रंग खास पसंद है। इसलिए लाल रंग का ही आसन खरीदें।

इसके अलावा कलश स्थापना (Kalashsthapna) के लिए मिट्टी का पात्र, जौ, मिट्टी, जल से भरा हुआ कलश, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, साबुत चावल, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, फूलों की माला और शृंगार पिटारी भी चाहिए। इस वर्ष मां भगवती घोड़े पर सवार होकर आशीर्वाद देंगी।

पढ़ें :- Chaitra Navratri 2024 Kanya Pujan :  चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन के समय इन बातों का रखें ध्यान, कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...