मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi) ने 60.42 करोड़ की लागत से निर्मित अति विशिष्ट अतिथि गृह 'नैमिषारण्य' (VIP Guest House 'Naimisharanya') का गुरुवार लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने इसे यूपी सरकार (UP government) की बड़ी उपलब्धि बताया। ये अतिथि गृह तमाम सुविधाओं से सुसज्जित है। इस अति विशिष्ट अतिथि गृह में कुल 73 कक्ष हैं, जिसमें 69 सिंगल तथा 14 सुइट हैं।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi) ने 60.42 करोड़ की लागत से निर्मित अति विशिष्ट अतिथि गृह ‘नैमिषारण्य’ (VIP Guest House ‘Naimisharanya’) का गुरुवार लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने इसे यूपी सरकार (UP government) की बड़ी उपलब्धि बताया। ये अतिथि गृह तमाम सुविधाओं से सुसज्जित है। इस अति विशिष्ट अतिथि गृह में कुल 73 कक्ष हैं, जिसमें 69 सिंगल तथा 14 सुइट हैं।
लखनऊ में ₹60.42 करोड़ की लागत से निर्मित अति विशिष्ट अतिथि गृह 'नैमिषारण्य' (बटलर पैलेस) का लोकार्पण… https://t.co/xFg7VHD6Gg
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 21, 2021
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi) ने कहा कि सनातन परंपरा को लिपिबद्ध करने और पुराणों के वाचन का कार्य जिस पवित्र तीर्थ में हुआ था, वह नैमिषारण्य है। इस अतिथि गृह का नामकरण ‘नैमिषारण्य’ के नाम पर किया गया है।
लखनऊ में अति विशिष्ट अतिथि गृह 'नैमिषारण्य' के आज उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर मैं इस विशिष्ट उपहार के लिए हृदय से बधाई देता हूं।
तमाम सुविधाओं से सुसज्जित यह अतिथि गृह @UPGovt के लिए उपलब्धि है: #UPCM श्री @myogiadityanath जी
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मुख्यमंत्री (Cm Yogi) ने कहा कि पहले राज्य सरकार के मेहमानों को होटलों में रुकना पड़ता था लेकिन अब उन्हें अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त गेस्ट हाऊस उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री (Cm Yogi) ने कहा कि देश भर में यूपी के 09 राज्य अतिथि गृह पहले से संचालित हैं।
उत्तर प्रदेश, देश की आध्यात्मिक ऊर्जा का केन्द्र बिंदु है।
यहां भारत की आत्मा बसती है। राज्य के जो अतिथि गृह हैं, चाहे राज्य में हों या फिर राज्य के बाहर, देश व दुनिया में प्रदेश की पहचान के अनुरूप इनके नामकरण होने चाहिए: #UPCM श्री @myogiadityanath जी
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) October 21, 2021
उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश, देश की आध्यात्मिक ऊर्जा का केन्द्र बिंदु है। यहां भारत की आत्मा बसती है। राज्य के जो अतिथि गृह हैं, चाहे राज्य में हों या फिर राज्य के बाहर, देश व दुनिया में प्रदेश की पहचान के अनुरूप इनके नामकरण होने चाहिए।