मुख्यमंत्री ने कहा कि, कृषि क्षेत्र में जितनी क्षमता उत्तर प्रदेश में है इसको तीन गुणा अधिक बढ़ा सकते हैं, लेकिन कुछ सावधानियां बरतनी पड़ेंगी। जैसे समय पर अच्छी क्वॉलिटी का बीज बोना, तकनीक का उपयोग करते हुए अगर खेती-किसानी कार्य आगे बढ़ाएंगे तो कम लागत में उत्पादकता बढ़ेगी।
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को गोरखपुर में मण्डलीय रबी उत्पादकता समीक्षा गोष्टी-2022 (गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ एवं देवीपाटन मण्डल) का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, देश व दुनिया की सबसे उर्वरा भूमि व अच्छा जल संसाधन हमारे पास मौजूद है। उर्वरता की स्थिति यह कि 12 फीसदी हमारे पास भूमि है, लेकिन देश के कृषि खाद्यान्न उत्पादन का 20 फीसदी अकेले उत्तर प्रदेश करता है। आज मंडलीय रबी उत्पादकता समीक्षा गोष्ठी-2022 के शुभारंभ के अवसर पर सभी कृषि विशेषज्ञों व प्रगतिशील किसानों के सुझाव व अनुभव को सुना गया। बहुत सारे किसान अपने अनुभव से स्वयं भी जानकारी रखते होंगे और उसको साझा करते होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, कृषि क्षेत्र में जितनी क्षमता उत्तर प्रदेश में है इसको तीन गुणा अधिक बढ़ा सकते हैं, लेकिन कुछ सावधानियां बरतनी पड़ेंगी। जैसे समय पर अच्छी क्वॉलिटी का बीज बोना, तकनीक का उपयोग करते हुए अगर खेती-किसानी कार्य आगे बढ़ाएंगे तो कम लागत में उत्पादकता बढ़ेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि, पहली बार देश में ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ से किसानों को जोड़ने का कार्य हुआ। ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ के माध्यम से अकेले उत्तर प्रदेश में विगत 05 वर्ष में 21 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि, खेती में तकनीक आज की आवश्यकता है। इसमें दो प्रकार होते हैं…एक तकनीक जो परंपरागत रूप से कृषि वैज्ञानिकों की ओर से दी जाती है और दूसरी है प्राकृतिक खेती। प्राकृतिक खेती एक प्रकार की ‘जीरो बजट’ गो आधारित खेती है। इसके अच्छे परिणाम हम सबके सामने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, विगत साढ़े 5 वर्ष में ₹1.80 लाख करोड़ का गन्ना मूल्य का भुगतान गन्ना किसानों के खातों में यूपी सरकार कराने में सफल रही। जानकारी व अनुभव को साझा करने एवं आधुनिक व अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए हम लागत को कम करने व उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।