देश में कोरोना वायरस के मामलों में लागतार इजाफा हो रहा है। शनिवार को देश में पहली बार एक दिन में 4 लाख से अधिक नए केस मिले हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एक बार फिर लॉकडाउन शब्द चर्चा में आ गया है।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के मामलों में लागतार इजाफा हो रहा है। शनिवार को देश में पहली बार एक दिन में 4 लाख से अधिक नए केस मिले हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एक बार फिर लॉकडाउन शब्द चर्चा में आ गया है। कोरोना संकट के बीच सोशल मीडिया पर ई पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार 3 मई से 20 मई तक कंप्लीट लॉकडाउन लगा दिया है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर लॉकडाउन को लेकर वायरल हो रहे इन दावों की क्या सच्चाई है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने देश में 3 मई से 20 मई तक सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है।#PIBFactCheck: यह दावा #फर्जी है। केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। pic.twitter.com/Xt93IDnMcc
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 30, 2021
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि 3 मई से 20 मई तक देश में कंप्लीट लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। वायरल पोस्ट में टीवी चैनल (अनाम टीवी चैनल) का एक फ्रेम दिखाया गया है, जिसमें पीएम मोदी की फोटो के साथ सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि लॉकडाउन की नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। साथ ही ब्रेकिंग के तौर पर इसमें दिखाया गया है कि 3 मई से 20 मई के तक संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इसमें पीएम मोदी के बयान के हवाले से दावा किया जा रहा है कि इस फैसले से देश के सभी राज्यों ने संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर सहमति जताई है।
मगर जब इस वायरल पोस्ट की पड़ताल की गई तो यह पूरी तरह से फेक निकला। पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने इस दावे को फर्जी बताया है और कहा है कि सरकार की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। इसके अलावा, यह काफी पहले पीएम मोदी स्पष्ट कर चुके हैं कि वह लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने राज्यों से भी कहा था कि लॉकडाउन का इस्तेमाल अंतिम विकल्प के रूप में ही करें।
पीएम मोदी ने 20 अप्रैल को देश के नाम संबोधन में ही यह स्पष्ट कर दिया था कि सरकार लॉकडाउन नहीं लगाना चाहती। हालांकि, इस फेक पोस्ट वायरल होने के पीछे के तर्क को ऐसे भी समझा जा सकता है कि 2 मई को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती होगी और उस दिन पता चल जाएगा कि बंगाल से लेकर असम तक में किसकी सरकार बनेगी। यही वजह है कि फेक न्यूज फैलाने वालों ने 3 मई की तारीख का अपने पोस्ट में जिक्र किया है।