गुजरात की सूरत लोकसभा सीट (Surat Lok Sabha Seat) पर बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल (BJP candidate Mukesh Dalal) को निर्विरोध सांसद निर्वाचित हो गए हैं। सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने और बाकी प्रत्याशियों की ओर से नामांकन वापस लिए जाने के बाद उन्हें निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया है।
नई दिल्ली। गुजरात की सूरत लोकसभा सीट (Surat Lok Sabha Seat) पर बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल (BJP candidate Mukesh Dalal) को निर्विरोध सांसद निर्वाचित हो गए हैं। सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने और बाकी प्रत्याशियों की ओर से नामांकन वापस लिए जाने के बाद उन्हें निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया है। चुनाव से पहले ही बीजेपी की इस निर्विरोध जीत पर अब कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस (Congress) ने बाकी उम्मीदवारों की ओर से पर्चा वापस लिए जाने पर भी सवाल खड़े किए हैं।
यह देश को बचाने और संविधान की रक्षा करने का चुनाव है : राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि तानाशह की असली ‘सूरत’ एक बार फिर से देश के सामने है। उन्होंने कहा कि जनता से अपना नेता चुनने का अधिकार छीन लेना बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को खत्म करने की तरफ बढ़ाया एक और कदम है। मैं एक बार फिर से कह रहा हूं कि यह सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है। यह देश को बचाने और संविधान की रक्षा करने का चुनाव है।
तानाशाह की असली 'सूरत’ एक बार फिर देश के सामने है!
जनता से अपना नेता चुनने का अधिकार छीन लेना बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को खत्म करने की तरफ बढ़ाया एक और कदम है।
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मैं एक बार फिर कह रहा हूं – यह सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, यह देश को बचाने का चुनाव है, संविधान की…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 22, 2024
लोकतंत्र ख़तरे में है, आप क्रोनोलॉजी समझिए : जयराम रमेश
वहीं, कांग्रेस नेता और पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Congress leader and party general secretary Jairam Ramesh) ने ट्वीट करते हुए सूरत में बीजेपी उम्मीदवार की निर्विरोध जीत के पीछे का क्रोनोलॉजी समझाया है। रमेश ने कहा कि पहले सूरत जिला चुनाव अधिकारी ने कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी के नामांकन में खामियां गिनाते हुए उसे रद्द कर दिया। अधिकारी ने तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर के सत्यापन में खामी बताया। कुछ इसी तरह से कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला के नामांकन को भी खारिज कर दिया गया। दो नामांकन खारिज होने के बाद कांग्रेस पार्टी यहां बिना उम्मीदवार के रह गई।
डर गई है बीजेपी
जयराम रमेश ने आगे कहा कि बीजेपी प्रत्याशी मुकेश दलाल को छोड़कर बाकी सभी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। 7 मई को होने वाले मतदान से करीब दो सप्ताह पहले ही बीजेपी उम्मीदवार को निर्विरोध जिता दिया गया। उन्होंने कहा कि MSME मालिकों और व्यवसायियों की परेशानियों एवं गुस्से को देखते हुए बीजेपी इतनी डर गई है कि वह सूरत लोकसभा के मैच को फिक्स करने का प्रयास कर रही है।
सब कुछ खतरे में
उन्होंने कहा कि सूरत की सीट बीजेपी 1984 के लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार जीतते आ रही है। मौजूदा वक्त में हमारे चुनाव, हमारा लोकतंत्र, बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान सब कुछ खतरे में हैं। इस बात को दोहरा रहा हूं कि यह हमारे जीवन काल का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है।
बता दें कि सूरत में नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन 8 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। नामांकन वापस लेने वालों में बहुजन समाज पार्टी के प्यारेलाल भारती के साथ-साथ अधिकतर निर्दलीय उम्मीदवार शामिल थे। कांग्रेस उम्मीदवार का पर्चा रविवार को ही खारिज हो चुका था।
वैकल्पिक उम्मीदवार का नामांकन खारिज
निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन में प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया विसंगति होने के बाद पर्चा रद्द कर दिया था। नामांकन रद्द होने के बाद कांग्रेस पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले सुरेश पडसाला का नामांकन रद्द कर दिया गया। एक प्रत्याशी का नामांकन रद्द किए जाने और बाकियों की ओर से वापस लिए जाने के बाद मैदान में केवल मुकेश दलाल ही बचे थे।