उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुये राज्य सरकार ने सोमवार को विशेष दिशा निर्देश जारी किये हैं । मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण पुनः बढ़ रहा है, इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि संक्रमित रोगियों, सम्पर्कों की सतत्, गहन निगरानी की जाये।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुये राज्य सरकार ने सोमवार को विशेष दिशा निर्देश जारी किये हैं । मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण पुनः बढ़ रहा है, इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि संक्रमित रोगियों, सम्पर्कों की सतत्, गहन निगरानी की जाये।
निगरानी के लिए जिला सर्विलेंस अधिकारी (डीएसओ) द्वारा प्रतिदिन कोविड-19 पॉजिटिव केसेज की जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को उपलब्ध करायी जायेगी, जो कंटेनमेंट जोन में सर्विलेंस की गतिविधियों का संचालन के लिए नोडल अधिकारी होंगे। इसके अतिरिक्त कंटेनमेंट जोन के सर्वेक्षण के लिये प्रत्येक कोविड-19 पॉजिटिव केस को केन्द्र मानते हुए 25 मीटर रेडियस के क्षेत्र को और एक से अधिक केस के लिए 50 मीटर के रेडियस के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाया जायेगा।
प्रदेश के वर्तमान औसत जनसंख्या घनत्व के अनुसार 25 मीटर रेडियस के क्षेत्र में लगभग 20 घर होंगे।50 मीटर के रेडियस में लगभग 60 घर आएंगे । कोविड-19 का एकल पॉजिटिव रोगी पाए जाने वाले दो कन्टेनमेंट जोन में स्थित घरों को आच्छादित करने के लिए एक टीम लगाई जाएगी। एक क्षेत्र में एक से अधिक कोविड-19 पाॅजिटिव केस होने पर एक क्लस्टर मानते हुए, क्लस्टर के मध्य बिंदु को एपीसेंटर चिन्हित करते हुए 50 मीटर के रेडियस के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा तथा ऐसे प्रत्येक कन्टेनमेंट जोन में स्थित घरों को आच्छादित करने के लिए एक टीम लगाई जाएगी।
प्रत्येक टीम अपने क्षेत्र के घरों का भ्रमण कर अपने कार्यों की रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र पर अंकित करेगी। श्री तिवारी ने कहा कि प्रत्येक टीम में स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय (शहरी क्षेत्र) अथवा ग्राम विकास/पंचायती राज (ग्रामीण क्षेत्र) तथा स्थानीय प्रशासन में से एक सदस्य (कुल 3) होंगे। कंटेनमेंट जोन का निर्धारण तथा गतिविधि हेतु कार्ययोजना बनाते समय पल्स पोलियो अभियान की ही भांति गतिविधि के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु का चिन्हीकरण करते हुए कार्य सम्पादित किया जाएगा।
प्रत्येक टीम के सदस्य अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर जनसामान्य को कोविड रोग से बचाव तथा लक्षणों के विषय में जानकारी देंगे । साथ ही खांसी, जुखाम, बुखार, सांस लेने में परेशानी आदि लक्षण वाले रोगियों को चिन्हित कर, ऐसे रोगियों का नाम, पूर्ण पता, मोबाइल नंबर तथा अन्य विवरण अपने प्रपत्र पर अंकित करेंगे।
प्रत्येक पांच टीमों पर एक सुपरवाइजर चिन्हित किया जाएगा जो अपने अधीन पांचों टीम का कार्य समाप्त होने के उपरान्त, समस्त सूचनाओं का संकलन कर, जिला सर्विलेंस अधिकारी को अपरान्ह् में उपलब्ध कराएगा जो जनपद की सूचना को संकलित कर राज्य मुख्यालय को उपलब्ध कराएंगे।
कंटेनमेंट जोन में कोविड-19 लक्षण युक्त पाए गए सभी व्यक्तियों की जांच हेतु नमूना संकलित कर सम्बंधित प्रयोगशाला को प्रेषित किए जाने का उत्तरदायित्व सैंपल कलेक्शन टीम के नोडल का होगा। यदि कोई नोडल अधिकारी चिन्हित नहीं है तो ऐसी स्थिति में उक्त दायित्व जिला सर्विलांस अधिकारी का होगा। मुख्य सचिव ने सभी पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये हैं कि उक्त दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करायें।