भगवान दत्तात्रेय भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव के अंश हैं। दत्तात्रेय भगवान त्रिदेव के मिले जुले रूप माने जाते हैं। मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष के दसवें दिन इनकी जयंती मनाई जाती है।
Dattatreya Jayanti 2023 : भगवान दत्तात्रेय भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव के अंश हैं। दत्तात्रेय भगवान त्रिदेव के मिले जुले रूप माने जाते हैं। मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष के दसवें दिन इनकी जयंती मनाई जाती है। इस दिन इनकी पूजा करने का विशेष विधान है। महर्षि अत्रि और माता अनुसूया के पुत्र भगवान दत्तात्रेय को मां ने शुद्धता के प्रतीक के रूप में उद्धृत किया गया है।
दत्तात्रेय जयंती- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर शुरू।
पूर्णिमा तिथि समापन- 27 दिसंबर 2023 दिन बुधवार को सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर समाप्ति।
सुबह पूजा का शुभ मुहूर्त- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार सुबह 9 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक।
भगवान दत्तात्रेय में गुरु और ईश्वर दोनों का ही स्वरूप विद्यमान है। इनके तीन मुख और छह हाथ हैं। भगवान दत्तात्रेय ने अपने 24 गुरु बनाए थे। इनकी पूजा मात्र से त्रिदेवों( ब्रह्मा, विष्णु और महेश) की वंदना के समान फल मिल जाता है।
इस दिन भक्त पवित्र जलस्रोतों में स्नान करते हैं और दिन भर का उपवास रखते हैं। पूजा समारोह के दौरान भक्तगण भगवान दत्तात्रेय को विशिष्ट फूल, अगरबत्ती, दीपक और मिठाइयाँ चढ़ाते हैं। पूजा के दौरान भक्त भक्ति गीत भी गाते हैं, भक्ति पुस्तकें पढ़ते हैं और “श्री गुरु दत्तात्रेय नमः” या ओम श्री गुरुदेव दत्त जैसे मंत्रों का जाप करते हैं।