Defense Ministry Big Decision on maternity leave: रक्षा मंत्रालय ने मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। जिसके बाद अब सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों को भी अधिकारियों के बराबर मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) मिलेगी। इस मामले में अब रैंक भेदभाव नहीं होगा।
Defense Ministry Big Decision on maternity leave: रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। जिसके बाद अब सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों को भी अधिकारियों के बराबर मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) मिलेगी। इस मामले में अब रैंक भेदभाव नहीं होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के फैसले के बाद आब महिला सैनिकों, नाविकों और वायु सेनाओं को एक अधिकारी के बराबर मातृत्व, बच्चों की देखभाल और कानूनी रूप से बच्चे को गोद लेने पर अवकाश मिलेगा। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों, नाविकों और वायु सैनिकों के लिए उनकी समकक्ष अधिकारियों के बराबर मातृत्व, शिशु देखभाल और दत्तक ग्रहण अवकाश देने संबंधी नियमों को लागू करने से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’
मंत्रालय ने कहा कि इन नियमों के जारी हो जाने से सेना में सभी महिलाओं को समान रूप से ये छुट्टियां मिलेंगी, भले ही वे कोई अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक पर कार्यरत हों। बयान के मुताबिक इस कदम से सेना में महिलाओं को अपने पेशेवर एवं पारिवारिक जीवन को बेहतर तरीके से संतुलित करने में मदद मिलेगी तथा इससे कामकाजी स्थिति में सुधार होगा।
कितनी मिलती है छुट्टी?
सेना के अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा समय में सैन्य महिला अधिकारियों को हर बच्चे के लिए 180 दिन का मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) मिलता है। यह नियम अधिकतम दो बच्चों पर लागू होता है। अधिकारियों को संपूर्ण सेवा कार्यालय में 360 दिन का शिशु देखभाल अवकाश मिलता है। इसके लिए बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। एक वर्ष से कम साल के बच्चे को गोद लेने की वैध तिथि के बाद 180 दिनों की दत्तक ग्रहण छुट्टी दी जाती है।