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दिल्ली का NO2 प्रदूषण एक साल में 125 फीसदी बढ़ा

NO2 एक खतरनाक वायु प्रदूषक है जो ईंधन के जलने पर निकलता है, जैसा कि अधिकांश मोटर वाहनों, बिजली उत्पादन और औद्योगिक प्रक्रियाओं में होता है।

By प्रीति कुमारी 
Updated Date

NO2 एक खतरनाक वायु प्रदूषक है जो ईंधन के जलने पर निकलता है, जैसा कि अधिकांश मोटर वाहनों, बिजली उत्पादन और औद्योगिक प्रक्रियाओं में होता है। NO2 का एक्सपोजर सभी उम्र के लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे श्वसन और संचार प्रणाली और मस्तिष्क प्रभावित हो सकता है, जिससे अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर में वृद्धि हो सकती है।

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दिल्ली का NO2 प्रदूषण एक साल में 125 फीसदी बढ़ा: अध्ययन नई दिल्ली, 7 जुलाई (पीटीआई) ग्रीनपीस इंडिया के एक अध्ययन के अनुसार, दिल्ली ने अप्रैल 2020 और अप्रैल 2021 के बीच NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) प्रदूषण में 125 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जिसने भारत के आठ सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में NO2 सांद्रता का विश्लेषण किया।

अध्ययन से पता चला है कि पिछले साल की तुलना में अप्रैल 2021 में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड प्रदूषण मुंबई में 52, बेंगलुरु में 90, हैदराबाद में 69, चेन्नई में 94, कोलकाता में 11, जयपुर में 47 और लखनऊ में 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साल में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर और लखनऊ में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड प्रदूषण में वृद्धि हुई है। लेकिन दिल्ली में इस प्रदूषण की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।

ग्रीन पीस इंडिया के एक अध्ययन के अनुसार, दिल्ली ने अप्रैल 2020 से अप्रैल 2021 के बीच नाइट्रोजन डाइऑक्साइड प्रदूषण में 125 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। अध्ययन में भारत की आठ सबसे अधिक आबादी वाले राज्य की राजधानियों में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड सांद्रता का विश्लेषण किया गया है। बता दें कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड एक खतरनाक वायु प्रदूषक है, जो ईंधन के जलने पर निकलता है। अधिकांश मोटर वाहनों, बिजली उत्पादन और उद्योगों से यह निकलता है और हवा को जहरीली बना देता है।

नाइट्रोजन डाइऑक्साइड प्रदूषण सभी उम्र के लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। यह सांस और मस्तिष्क को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इसकी चपेट में आने से लोगों को अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता है। लापरवाही बरतने पर मौत भी हो सकती है।

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रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि जिन शहरों में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड प्रदूषण की वृद्धि हुई है, वहां कोरोना ने ज्यादा कहर बरपाया है। दिल्ली में वायु प्रदूषण से दम घुट ही रहा है, इस बीच ग्रीन पीस इंडिया के अध्ययन ने लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है। दिल्ली की आवोहवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गई है। लोगों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

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