Former VP Jagdeep Dhankhar: संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ और बतौर राज्यसभा के सभापति पहले दिन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया। लेकिन, रात होते-होते धनखड़ ने आधिकारिक एक्स अकाउंट अपने से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। जिसके बाद वह सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर नहीं आए और न ही उन्होंने मीडिया में कोई बयान दिया। अब धनखड़ ने पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन के लिए आवेदन दिया है।
Former VP Jagdeep Dhankhar: संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ और बतौर राज्यसभा के सभापति पहले दिन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया। लेकिन, रात होते-होते धनखड़ ने आधिकारिक एक्स अकाउंट अपने से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। जिसके बाद वह सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर नहीं आए और न ही उन्होंने मीडिया में कोई बयान दिया। अब धनखड़ ने पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन के लिए आवेदन दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पेंशन के लिए राजस्थान विधानसभा में आवेदन दायर किया है, जहां वह किशनगढ़ सीट से 1993 से लेकर 1998 तक विधायक रहे थे। सूत्रों का कहना है कि धनखड़ ने पेंशन के लिए विधानसभा सचिवालय में आवेदन दिया, जिसपर स्वीकृति भी दे दी गई है। तय नियमों और प्रावधानों के अनुसार, उन्हें न्यूनतम 42 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। इसके अतिरिक्त उन्हें पूर्व विधायकों को मिलने वाली सुविधाएं भी प्राप्त होंगी।
बता दें कि पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनने से पहले जगदीप धनखड़ 1989 से 1991 तक राजस्थान के झूंझनू सीट से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। धनखड़ को चंद्रशेखर की सरकार में केंद्री संसदीय कार्य राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी मिली थी। वह 2019 से लेकर 2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। वहीं, धनखड़ ने 21 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की जानकारी दी थी। अपने पत्र में उन्होंने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य बताया था। इस कदम से देश की राजनीति में हलचल मच गई थी क्योंकि उनका कार्यकाल अभी शेष था।