Dhanteras 2022 Mata Lakshmi Katha: दिवाली के पर्व (Festival of Diwali) की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) के साथ हो जाती है। धनतेरस (Dhanteras) को खरीदारी का दिन माना जाता है। धनतेरस (Dhanteras) पर खरीदी गईं चीजें बेहद शुभ और लाभकारी होती हैं। इस दिन सोने व चांदी (Gold and Silver) के आभूषणों के अलावा बर्तन खरीदना सबसे शुभ माना जाता है।
Dhanteras 2022 Mata Lakshmi Katha: दिवाली के पर्व (Festival of Diwali) की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) के साथ हो जाती है। धनतेरस (Dhanteras) को खरीदारी का दिन माना जाता है। धनतेरस (Dhanteras) पर खरीदी गईं चीजें बेहद शुभ और लाभकारी होती हैं। इस दिन सोने व चांदी (Gold and Silver) के आभूषणों के अलावा बर्तन खरीदना सबसे शुभ माना जाता है।
हिंदू पंचांग (Hindu Calendar) के अनुसार, हर वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष (Kartik Krishna Paksha) के त्रयोदशी तारीख को धनतेरस (Dhanteras) के रूप में मनाया जाता है। पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, आज धनतेरस (Dhanteras) पर खरीदारी के अलावा मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) व भगवान कुबेर (Lord Kuber) और श्रीगणेश की पूजा (Worship of Lord Ganesha) का विधान है। इस दिन मां लक्ष्मी की कथा (Mata Lakshmi Katha) सुनने से सौभाग्य, धन व समृद्धि की प्राप्ति होती है।
13 गुना हो जाता है धन
धनतेरस (Dhanteras) दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला धन और दूसरा तेरस, जिसका अर्थ होता है धन का 13 गुना। धनतेरस (Dhanteras) का महत्व है कि इस दिन कोई भी चीज खरीदने से उसका 13 गुना लाभ मिलता है। इस दिन घर पर मां लक्ष्मी (Mata Lakshmi) और भगवान कुबेर (Lord Kuber) का आगमन होता है। ऐसे में संध्या के समय मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) की विशेष तौर पर पूजा-अर्चना करनी चाहिए, ताकि उनका आशीर्वाद सदैव परिवार पर बना रहे।
मां लक्ष्मी जी की कथा
पौराणिक कथा (Mythology) के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) पृथ्वी लोक पर पहुंचे। जहां विष्णु भगवान (Lord Vishnu) ने दक्षिण दिशा (South Direction) में जाने की इच्छा जताई। तब प्रभु ने मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) जी को वहीं उचित स्थान पर बैठा दिया और स्वयं दक्षिण दिशा (South Direction) की ओर निकल पड़े, लेकिन मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) भी चुपके से उनके पीछे चल पड़ी। एक जगह पहुंचकर मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) ने एक किसान के खेत से फूल लेकर श्रृंगार किया और गन्ने का रस पीया।
लेकिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने लक्ष्मी जी को देख लिया और क्रोधित होकर शाप दे दिया कि वह किसान की 12 साल तक सेवा करेंगी, जिसके बाद 12 साल तक मां वहीं उस किसान के घर में रहीं। 12 साल बाद जब प्रभु मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) जी को लेने आए तो उन्होंने किसान से कहा कि तेरस पर रात्रि में घी का दीपक जलाकर एक तांबे के कलश में रुपये और पैसे भरकर मेरी पूजा करें। इससे सालभर मैं तुम्हारे घर ही रहूंगी। तब से धनतेरस (Dhanteras) का पर्व मनाया जाता है।