उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में हाल में हुई ‘धर्म संसद’ (Dharma Sansad) में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण (Hate Speech) देने वालों को खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले में दर्ज एफआईआर में अब यति नरसिम्हानंद (Yati Narsinghanand) और सिंधु सागर के नाम भी जोड़ दिए गए हैं।
Dharma Sansad Hate Speech : उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में हाल में हुई ‘धर्म संसद’ (Dharma Sansad) में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण (Hate Speech) देने वालों को खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले में दर्ज एफआईआर में अब यति नरसिम्हानंद (Yati Narsinghanand) और सिंधु सागर के नाम भी जोड़ दिए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि एफआईआर में धारा 153 ए (धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, आवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना) के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (पूजा स्थल या किसी पवित्र वस्तु को नुकसान पहुंचाना) भी जोड़ी गयी है। हरिद्वार के सर्किल अधिकारी शेखर सुयाल ने बताया कि गाजियाबाद के डासना मंदिर के पुजारी यती नरसिम्हानंद और संत सिंधु सागर के नाम भी प्राथमिकी में जोड़े गए हैं। बता दें कि नरसिम्हानंद इस कार्यक्रम के आयोजक थे।
अधिकारी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि प्राथमिकी में नई धारा क्यों जोड़ी गई है? उन्होंने कहा कि यह जांच का हिस्सा है जिसे साझा नहीं किया जा सकता। प्राथमिकी में दो नए नाम जोड़ने के साथ ही अब तक मामले में पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी, साध्वी अन्नपूर्णा, धर्मदास, यति नरसिम्हानंद और सिंधु सागर शामिल हैं।
बता दें कि हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 16-19 दिसंबर के दौरान धर्मसंसद में वक्ताओं ने कथित रूप से मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था। इस धर्म संसद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसे लेकर देश-दुनिया में हंगामे के बाद हरिद्वार कोतवाली पुलिस (Haridwar Kotwali Police) सक्रिय हुई और पहली एफआईआर दर्ज की।