छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। उनके शव को पानी के टैंक में फेंक दिया गया था। पत्रकार एक जनवरी से लापता थे। परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की भी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वहीं, अब इस हत्या का आरोप एक ठेकेदार पर लग रहा है।
Mukesh Chandrakar Murder: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। उनके शव को पानी के टैंक में फेंक दिया गया था। पत्रकार एक जनवरी से लापता थे। परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की भी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वहीं, अब इस हत्या का आरोप एक ठेकेदार पर लग रहा है। कहा जा रहा है कि, मुकेश चंद्राकर ने एक सड़की रिपोर्ट की थी, जिसमें मानक के विपरित काम किए गए थे। इस मामले में अब जांच के लिये एसआईटी गठित की जायेगी।
बस्तर और बीजापुर के पत्रकारों में इस बात की भी चर्चा है कि आरोपी ठेकेदार की बेटी की शादी में बारात भी हेलीकॉप्टर से आई थी। कहा जा रहा है कि यह खुलासा भी मुकेश चंद्राकर ने ही किया था। इसी घटना को लेकर ठेकेदार मुकेश से नाराज था और जब सड़क के रीटेंडर की खबर चली तो उसने मुकेश को राह से हटाने का फैसला कर लिया।
भ्रष्टाचार की खबर उजागर करना पड़ा भारी
कुछ दिन पहले पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने 120 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क के भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित की थी। इसमें सड़क के खस्ताहाल स्थिति को उजागर किया था। बताया जाता है कि यह काम ठेकेदार ने ही करवाया था। इस वजह से मुकेश चंद्राकर और ठेकेदार में अनबन चल रही थी। पुलिस ने ठेकेदार के छोटे भाई को भी इस मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। फिलहाल पुलिस की जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि मामले की सच्चाई क्या है।
नक्सलियों से जवानों को छुड़ा कर लाए थे मुकेश
मुकेश नक्सलियों के खिलाफ बेबाकी से पत्रकारिता कर रहे थे। यही नहीं, कई बार जब सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों के शिकंजे में फंस जाते थे तो मुकेश ही उन्हें नक्सलियों से उन्हें छुड़वा भी लाते थे। ऐसे में छत्तीसगढ़ की सरकार और सिस्टम के लिए यह बड़ा सवाल है कि आखिर कैसे भ्रष्टाचार उजागर करने वाले निर्भीक पत्रकार को अपनी जान गंवानी पड़ी है।