अनियमित पीरियड्स की समस्या अधिकतर महिलाओं को होती है। पीरियड्स हर महिला के लिए एक सामान नहीं होता है। किसी के लिए यह हर महीने तीन दिनों तक पीरियड्स आते है तो किसी को पांच दिनों तक होता है।
अनियमित पीरियड्स की समस्या अधिकतर महिलाओं को होती है। पीरियड्स हर महिला के लिए एक सामान नहीं होता है। किसी के लिए यह हर महीने तीन दिनों तक पीरियड्स आते है तो किसी को पांच दिनों तक होता है।
पीरियड्स के समय महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। जैसे हार्मोनल बदलाव, मूड स्विंग्स,असहनीय दर्द । कई बार महिलाओं को पीरियड्स के दौरान नजर आने वाली दिक्कत छोटी नजर आती है जिसकी वजह से गंभीर समस्या हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार पीरियड्स समय पर ना आने से लीवर संबंधित रोग भी हो सकते है।
आमतौर पर कुछ महिलाओं का मेस्टु्ल साइकिल 24 से 38 दिनों का होता है। सामान्यत: जिन महिलाओं का पीरियड्स 26 से 30 दिनों का होता है उनके मुकाबले अनियमित पीरियड्स वाली महिलाओं में नॉन अल्कोह़ॉलिक फैटी लिवर डिसीज होने की संभावना अधिक होती है। एक महिला के शरीर में पाये जाने वाले एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन का संतुलन जब बिगड़ता है तब महिला के लीवर पर उसका नकारात्मक असर पड़ता है।
अगर आप अपनी जीवनशैली में बदलाव करें तो इस रोग से पीरियड्स समय पर सकते हैं। इसके लिए आप इन सब तरीकों का प्रयोग कर सकते हैं. अपना वजन नियंत्रित रखने का प्रयास करें। शराब और सिगरेट जैसी नशीली पदार्थों का सेवन ना करें। नियमित एक्सरसाइज करें। उचित मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन करें। डॉ चंचल शर्मा बताती हैं कि महिलाओं को अपने पीरियड्स का ट्रैक्ट रिकॉर्ड रखना चाहिए और जरुरत पड़ने पर फ़ौरन किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।