प्रमुख सचिव ने बताया कि आक्रामक रूप से काटने वाले विक्षिप्त व हिंसक व्यवहार करने वाले श्वानों को ए.बी.सी. सेंटर के अन्तर्गत स्थापित डॉग केयर सेंटर में ही रखा जायेगा। इसके लिए डॉग केयर सेंटर के संचालन हेतु पोर्टल एवं हेल्पलाइन, शिकायत नियंत्रण प्रकोष्ठ की स्थापना के साथ-साथ डाटा का रख-रखाव भी किया जायेगा।
लखनऊ: प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा कि प्रदेश में श्वानों की संख्या को वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधित करने के लिए प्रत्येक नगर निगम में एक ए.बी.सी. सेण्टर की स्थापना की जा रही है। लखनऊ और कानपुर नगर निगम में ए.बी.सी. सेन्टर बनाये जा चुके हैं। इन सभी ए.बी.सी. सेन्टर में विक्षिप्त व हिंसक व्यवहार वाले श्वानों को नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक ए.बी.सी. सेण्टर के अन्तर्गत एक डॉग केयर सेंटर की भी स्थापना की जा रही है। इस संबंध में प्रदेश के समस्त नगर आयुक्तों को निर्देश भी दिये गये हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि आक्रामक रूप से काटने वाले विक्षिप्त व हिंसक व्यवहार करने वाले श्वानों को ए.बी.सी. सेंटर के अन्तर्गत स्थापित डॉग केयर सेंटर में ही रखा जायेगा। इसके लिए डॉग केयर सेंटर के संचालन हेतु पोर्टल एवं हेल्पलाइन, शिकायत नियंत्रण प्रकोष्ठ की स्थापना के साथ-साथ डाटा का रख-रखाव भी किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि ऐसे श्वानों की शिकायत प्राप्त होने पर प्रशिक्षित डॉग हैंडलिंग टीम द्वारा मानवीय रूप से पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के प्राविधानों का कड़ाई से पालन करते हुए पकड़कर डॉग केयर सेंटर लाया जायेगा, जहाँ पर पशुचिकित्सकों के पैनल द्वारा 10 दिन तक ए.बी.सी. सेंटर में रखकर उनका निरीक्षण किया जायेगा।
जांचोपरान्त श्वान में रेबीज नहीं पाये जाने पर उसके मूल स्थान पर छोड़ दिया जायेगा। श्वान में रेबीज के लक्षण पाये जाने की स्थिति में ऐसे श्वानों का 02 सदस्यीय पैनल द्वारा अनिवार्य रूप से 03 सप्ताह तक निरीक्षण किया जायेगा। 03 सप्ताह के निरीक्षण/उपचार के उपरांत यदि श्वान पूर्णतया स्वस्थ हो जाते हैं, तो ऐसे श्वानों को उनके मूल स्थान पर छोड़ दिया जायेगा। यदि 03 सप्ताह के पश्चात भी श्वान में किसी प्रकार के संचारी/गंभीर रोग के लक्षण बने रहते है, तो उन्हें पशु चिकित्सकों की देखरेख में डॉग केयर सेंटर के आइसोलेशन केनल में रखा जायेगा और प्रत्येक 02 माह के अन्तराल पर पैनल द्वारा निरन्तर निरीक्षण किया जायेगा।
श्वानों में रेबीज होने की उच्च संभावना पाये जाने पर उसे अलग केनेल में रखा जायेगा। श्वानों के निरंतर अवलोकन और मूल्यांकन के बाद भी यदि श्वान में बिना उकसावे के काटने की आदत पायी जाती है, तो उसे डॉग केयर सेंटर से वापस नहीं छोड़ा जायेगा।