प्रथम पूज्य भगवान गणेश को दूब की घास अर्पित की जाती है। मान्यता है कि भगवान गणेश को दूब बहुत प्रिय है। दूब का इस्तेमाल भगवान को अर्पित करने के साथ सेहत के लिए किया जाता है।
Doob Grass Benefits : प्रथम पूज्य भगवान गणेश को दूब की घास अर्पित की जाती है। मान्यता है कि भगवान गणेश को दूब बहुत प्रिय है। दूब का इस्तेमाल भगवान को अर्पित करने के साथ सेहत के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में प्रमुख जड़ी बूटियों में दूब घास का नाम शामिल है। आयुर्वेद में दूब घास का इस्तेमाल न सिर्फ सेहत के लिए स्किन की संबंधित समस्याओं के लिए भी किया जाता है।
पित्त और कब्ज की परेशानी से भी छुटकारा दिलाता है
दूब की घास का इस्तेमाल यौन रोगों, लीवर और कब्ज जैसी समस्याओं में किया जाता है। आयुर्वेद में दूब घास का स्वाद कसैला – मीठा होता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम,फाइबर, पोटैशियम मौजूद होता है। दूब का सेवन करने से मुंह के छालों में आराम मिलता है। पित्त और कब्ज की परेशानी से भी छुटकारा दिलाता है।
दूब में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी सेप्टिक गुमों की वजह से त्वचा संबंधी दिक्कतों में लाभ पहुंचाता है। इसका सेवन करने से स्किन में होने वाली खुजली, चकत्ते और एक्जिमा में आराम पहुंचाता है।
इसके लिए दूब घास को हल्दी के साथ पीस कर पेस्ट को स्किन पर लगाने से आराम मिलता है। इसके अलावा दूब एनीमिया में लाभ पहुंचाता है। यह खून को साफ करती है और हीमोग्लोबिन के लेवन को बढ़ाती है। दूब घाय पर सुबह सुबह नंगे पैर चलने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।