भारत की रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की कोशिश में जल्द ही एक और उपलब्धि जुड़ने वाली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) इस साल मार्च तक ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missiles) का निर्यात शुरू कर देगा। इसकी पुष्टि डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत (DRDO chief Sameer V. Kamat) ने खुद की है।
नई दिल्ली। भारत की रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की कोशिश में जल्द ही एक और उपलब्धि जुड़ने वाली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) इस साल मार्च तक ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missiles) का निर्यात शुरू कर देगा। इसकी पुष्टि डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत (DRDO chief Sameer V. Kamat) ने खुद की है।
डीआरडीओ (DRDO) ने कहा कि अगले 10 दिन में ही इन मिसाइलों के ग्राउंड सिस्टम्स का निर्यात शुरू करेगा। इतना ही नहीं डीआरडीओ (DRDO) ने जिन 307 ATAGS बंदूकों को विकसित किया है और जिनका निर्माण भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम जैसी निजी क्षेत्र की कंपनियां कर रही हैं, उनके लिए भी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक विदेश से ऑर्डर आ सकते हैं।