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Earthquake : कश्मीर से लेकर दिल्ली तक महसूस हुए भूकंप के झटके, 5.2 रही तीव्रता, अफगानिस्तान था केंद्र

Earthquake  : दिल्ली से लेकर जम्मू कश्मीर तक कई जगहों पर भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली, हरियाणा समेत जम्मू, पुंछ, राजोरी, श्रीनगर में लोगों को भूमि की कंपन महसूस हुई है। भूकंप (Earthquake) मोबाइल एप के अनुसार, 11 बजकर 19 मिनट पर भूकंप (Earthquake) आया।

By संतोष सिंह 
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Earthquake  : दिल्ली से लेकर जम्मू कश्मीर तक कई जगहों पर भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली, हरियाणा समेत जम्मू, पुंछ, राजोरी, श्रीनगर में लोगों को भूमि की कंपन महसूस हुई है। भूकंप (Earthquake) मोबाइल एप के अनुसार, 11 बजकर 19 मिनट पर भूकंप (Earthquake) आया। इसका केंद्र अफगानिस्तान (Afghanistan) बताया गया है, जिसकी धमक भारत देश में भी महसूस हुई है। रिक्टर स्केल (Richter Scale)  पर भूचाल की तीव्रता 5.2 रही है।

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भूकंप क्यों आते हैं?

भूकंप (Earthquake)  के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकराना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप (Earthquake)  मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता का क्या अर्थ है?

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रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप (Earthquake)  को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप (Earthquake)  महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल (Richter Scale)  पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप (Earthquake)  दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप (Earthquake)  को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप (Earthquake)  प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप (Earthquake) 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप (Earthquake)  4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल (Richter Scale)  पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

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