HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. ऑटो
  3. Economic Survey: यहां मिलेगी 5 करोड़ लोगों को जॉब, 2030 तक हर साल बिकेंगे 1 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन

Economic Survey: यहां मिलेगी 5 करोड़ लोगों को जॉब, 2030 तक हर साल बिकेंगे 1 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन

 भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 2030 तक एक करोड़ यूनिट हो जाएगी,जिससे 5 करोड़ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। मंगलवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, दिसंबर 2022 में भारत बिक्री के मामले में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया है।

By आराधना शर्मा 
Updated Date

Economic Survey: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 2030 तक एक करोड़ यूनिट हो जाएगी,जिससे 5 करोड़ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। मंगलवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, दिसंबर 2022 में भारत बिक्री के मामले में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया है।

पढ़ें :- Tesla Cybertruck अमेरिका के नवनिवार्चित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के काफिले में हुआ शामिल!, देखें वीडियो

ऑटोमोटिव उद्योग से ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ने में खासी उम्मीदें हैं। घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार 2022-2030 के बीच 49% की (सीएजीआर) दर से बढ़ने की उम्मीद है। उद्योग के अनुमान के अनुसार, 2022 में भारत में कुल ईवी बिक्री लगभग 10 लाख यूनिट रही।

2021 में, भारत दोपहिया और तिपहिया वाहनों का सबसे बड़ा निर्माता और यात्री कारों का दुनिया का चौथा सबसे बड़ा निर्माता था। इस क्षेत्र की बढ़ती ग्रोथ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह 2021 के अंत में 3.7 करोड़ का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करते हुए समग्र सकल घरेलू उत्पाद में 7.1 प्रतिशत और विनिर्माण सकल घरेलू उत्पाद में 49 प्रतिशत का योगदान दिया था।

सरकार की फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) II) योजना के तहत, 2019 और 2024 के बीच, 10,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ, 7.1 लाख ईवी को प्रोत्साहन दिया गया है। साथ ही 7,210 ई-बसों को मंजूरी दी है, जिनमें से 2,172 ई-बसों को दिसंबर 2022 तक शुरू कर दिया गया है। इस योजना में 1 मिलियन दोपहिया, 0.5 मिलियन तिपहिया, 55,000 कारें और 7,090 बसों को समर्थन करने की परिकल्पना की गई थी।

रिपोर्ट में ऑटो कंपोनेंट की बढ़ती बिक्री की ओर भी इशारा किया गया है। ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) के अनुसार, ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री ने 2022-23 की पहली छमाही में 34.8% की वृद्धि के साथ 2.65 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि देखी। यह घरेलू मांग, विशेष रूप से यात्री वाहनों के सेगमेंट से बढ़ी है।

पढ़ें :- Citroen C3 Aircross Crash Test : क्रैश टेस्ट में फेल हुई सिट्रोन सी3 एयरक्रॉस , सुरक्षा के लिए मिले इतने अंक

इसी अवधि के दौरान, कंपोनेंट का निर्यात 8.6 प्रतिशत से बढ़कर 10.1 बिलियन अमरीकी डालर (79.03 लाख करोड़ रुपये) हो गया है, जबकि आयात 17.2 प्रतिशत बढ़कर 10.1 बिलियन अमरीकी डालर (79.8 लाख करोड़ रुपये) हो गया। उद्योग ने 2021-22 में 4,20,621 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जो 2020-21 में 3,40,733 करोड़ रुपये था।

 

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...