मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और समावेशी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल शुरू हो चुकी है। प्रदेश के 39 जिलों में 'मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालयों' (CM Composite School) का निर्माण कार्य तेज़ी से प्रारंभ हो चुका है, जिससे लाखों बच्चों को आधुनिक, समग्र और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और समावेशी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल शुरू हो चुकी है। प्रदेश के 39 जिलों में ‘मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालयों’ (CM Composite School) का निर्माण कार्य तेज़ी से प्रारंभ हो चुका है, जिससे लाखों बच्चों को आधुनिक, समग्र और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा। वहीं 10 अन्य जिलों में भी शीघ्र निर्माण कार्य शुरू होने वाला है।
शेष जिलों के लिए शासन स्तर पर वित्तीय स्वीकृति एवं भूमि चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण में समस्त 75 जिलों में मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालयों (CM Composite School) का निर्माण पूरा होने के बाद द्वितीय चरण में भी प्रति जनपद 1-1 मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय (CM Composite School) का निर्माण प्रस्तावित है। इस प्रकार प्रति जनपद 2 मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालयों (CM Composite School) के निर्माण की कार्ययोजना है।
प्राथमिकता पर निर्माण कार्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी 75 जनपदों में इन मॉडल विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। वर्तमान में 39 जनपदों में निर्माण कार्य की शुरुआत हो चुकी है या फिर होने जा रही है। इन जिलों में मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालयों के निर्माण को लेकर वित्तीय स्वीकृति से लेकर भूमि चयन तक सभी आवश्यक अप्रूवल मिल चुके हैं। वहीं 10 अन्य जिलों में भी शीघ्र निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। शेष जिलों के लिए शासन स्तर पर वित्तीय स्वीकृति एवं भूमि चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
सभी वर्गों के छात्रों के लिए एकीकृत शैक्षिक परिसर
इन विद्यालयों की सबसे खास बात यह है कि इनमें प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक की सभी कक्षाएं एक ही परिसर में संचालित होंगी। 5 से 10 एकड़ भूमि पर 30 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक शिक्षण संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं, जो राज्य की शिक्षा व्यवस्था में नई ऊंचाई तय करेंगे। इस महत्त्वाकांक्षी योजना को गति देने के लिए सरकार ने 6 प्रमुख निर्माण एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
शिक्षा और कौशल विकास के लिए समर्पित इंफ्रास्ट्रक्चर
इन विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही कौशल विकास, खेलकूद, सुविधा और सुरक्षा।का पूरा ख्याल रखा जाएगा। परियोजना के तहत प्रत्येक विद्यालय में 30 स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी व कंप्यूटर लैब, आधुनिक विज्ञान प्रयोगशाला और मिनी स्टेडियम और बड़ा खेल मैदान विकसित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, इनमें कौशल विकास केंद्र और वर्कशॉप्स, शिक्षकों के लिए आवासीय सुविधा और सीसीटीवी निगरानी, वाई-फाई, स्वच्छ जल और शौचालय की भी व्यवस्था होगी।
इन जिलों में निर्माण कार्य शुरू
सीतापुर, बिजनौर, कानपुर देहात, महाराजगंज, अम्बेडकरनगर, बुलन्दशहर, खीरी, बलिया, सुल्तानपुर, हमीरपुर, रायबरेली, औरैया, अमेठी, हरदोई, अमरोहा, चित्रकूट, ललितपुर, जालौन, चन्दौली, फिरोजाबाद, श्रावस्ती, इटावा, मैनपुरी, हापुड़, कौशाम्बी, मऊ, गाजियाबाद, शाहजहांपुर, गौतमबुद्धनगर, संतकबीरनगर, सम्भल, गाजीपुर, मुजफ्फरनगर, रामपुर, हाथरस, बदायूं, बहराइच, भदोही, बागपत।