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भारत में हर मिनट तीन लोग होते हैं ब्रेन स्ट्रोक का शिकार,चिकित्सों के लिए है बड़ी चुनौती

इंडियन स्ट्रोक एसोसिएशन (ISA) के 18 वें वार्षिक सम्मेलन में प्रतिष्ठित डॉक्टर, शोधकर्ता शामिल हुए। स्ट्रोक मरीजों की बढती संख्या के रोकथाम के लिए क्या करना जरूरी हैं? इस बारे में सम्मेलन में चर्चा हुई।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। इंडियन स्ट्रोक एसोसिएशन (ISA) के 18 वें वार्षिक सम्मेलन में प्रतिष्ठित डॉक्टर, शोधकर्ता शामिल हुए। स्ट्रोक मरीजों की बढती संख्या के रोकथाम के लिए क्या करना जरूरी हैं? इस बारे में सम्मेलन में चर्चा हुई।

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आईएसए के अध्यक्ष डॉ. निर्मल सूर्या ने कहा कि “स्ट्रोक एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। आईएनएससी 2025 केवल एक सम्मेलन नहीं है, बल्कि स्ट्रोक देखभाल में नवाचार और एकीकरण की दिशा में एक एक नया कदम है। हमारा उद्देश्य अनुसंधान की सीमाओं को आगे बढ़ाना, नए उपचार के तौर-तरीकों की खोज करना और वैश्विक स्तर पर जीवन बचाने के लिए रोकथाम रणनीतियों को बढ़ाना है।

डॉ. निर्मल सूर्या ने कहा कि इस सम्मेलन में विशेषज्ञों ने स्ट्रोक के बारे में चर्चा की। दुनिया भर में स्ट्रोक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए इस तरह के सम्मेलन स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में अंतराल को पाटने, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि अत्याधुनिक उपचार मरीजों तक तेज़ी से और अधिक कुशलता से पहुंचे। यहां बनाई गई साझेदारियाँ न केवल नवाचार को बढ़ावा देंगी बल्कि स्ट्रोक जागरूकता प्रारंभिक पहचान और पुनर्वास में वैश्विक प्रयासों को भी मजबूत करेंगी, जिससे अंततः लाखों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।

आईएसए के सचिव डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि स्ट्रोक का बढता खतरा चिंता का कारण बन रहा हैं। इसलिए इस पर समय रहते ध्यान देने की आवश्यकता हैं। भारत में हर मिनट तीन लोग ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव, अपर्याप्त नींद और नियमित स्वास्थ्य जांच के कारण स्ट्रोक के मामले बढ रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इस सम्मेलन में स्ट्रोक के रोकथाम पर चर्चा की गई। स्ट्रोक के बारे में जागरूकता फैलाना और मरीज का जीवन कैसे बचाया जा सके इस बारे में चर्चा की गई।”

सम्मेलन में भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने सार्थक चर्चाओं और सहयोग में शामिल होने के अवसर के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की। सम्मेलन के समापन पर, प्रतिभागियों ने नई प्रेरणा, मजबूत पेशेवर नेटवर्क और दुनियाभर में स्ट्रोक देखभाल में सुधार के लिए साझा प्रतिबद्धता के साथ प्रस्थान किया।

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डॉ. सलिल उप्पल (कोषाध्यक्ष), डॉ. आनंद अलुरकर , डॉ. वीजी प्रदीप कुमार , डॉ. आर. लक्ष्मी नरसिम्हन , डॉ. अमित कुलकर्णी , डॉ. जयंत रॉय, डॉ. मोनिका सिंगला , डॉ. पवन कुमार ओझा , डॉ. श्रीपाल शाह और डॉ. त्रिलोचन श्रीवास्तव ने स्ट्रोक देखभाल और प्रबंधन के लिए वैश्विक साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। प्रोफेसर डॉ. मार्क पार्सन, डॉ. जी अर्जुनदास, आईएसए के संस्थापक-अध्यक्ष, अमेरिका के प्रोफेसर डॉ. सीन एल साविट्ज़, सिंगापुर के प्रोफेसर विजय कुमार शर्मा और अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया के अन्य अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं सहित दुनिया भर के विशेषज्ञों ने चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया।

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