Farming Land: भोजन समस्त जीवों के लिए सबसे महत्त्वपूर्व आवश्यकताओं में से एक है, क्योंकि इसके जरिये ही शरीर को ऊर्जा मिलती है और सभी जीवित रहते हैं। इसमें इंसान भी शामिल हैं, जो अपने भोजन के लिए खेती और पशुपालन करते आए हैं। हालांकि, दुनियाभर के देशों में बढ़ती आबादी के कारण खेती योग्य भूमि तेजी से घटने लगी है। जिसमें कृषि प्रधान देश भारत अब खेती करने वाले देशों की लिस्ट में टॉप-5 में भी नहीं है।
Agriculture Land: भोजन समस्त जीवों के लिए सबसे महत्त्वपूर्व आवश्यकताओं में से एक है, क्योंकि इसके जरिये ही शरीर को ऊर्जा मिलती है और सभी जीवित रहते हैं। इसमें इंसान भी शामिल हैं, जो अपने भोजन के लिए खेती और पशुपालन करते आए हैं। हालांकि, दुनियाभर के देशों में बढ़ती आबादी के कारण खेती योग्य भूमि (Agriculture Land) तेजी से घटने लगी है। जिसमें कृषि प्रधान देश भारत अब खेती करने वाले देशों की लिस्ट में टॉप-5 में भी नहीं है।
दुनियाभर में खेती को लेकर एक रिपोर्ट के मुताबिक, 60 सालों के दौरान दुनिया के कई देशों में खेती योग्य भूमि में उतार-चढ़ाव देखा गया है। वहीं, खेती के योग्य जमीन एक तिहाई घटी है। लेकिन भारत में 1961 में खेती योग्य भूमि लगभग 58.8 फीसदी थी, जो अब 60 फीसदी के आंकड़े को पार कर गई है। दूसरी तरफ भारत 142 करोड़ से ज्यादा लोगों के साथ दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया है। हालांकि, वह खेती करने में टॉप-5 देशों में भी शामिल नहीं है। कृषि योग्य भूमि के हिसाब से दुनिया के टॉप-10 उपजाऊ देशों में भारत शामिल है।
इन देशों में कम हुई खेती की जमीन
दुनिया में सबसे ज्यादा खेती चीन में होती है। इसके बाद टॉप-5 में अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और रूस का नंबर आता है। चीन में खेती योग्य भूमि लगभग 55.5 फीसदी और ब्राजील में 28 फीसदी हो गया है। चीन में लगभग 52 लाख स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर खेती की जा रही है. दुनिया में कुल 4.78 करोड़ स्क्वायर किलोमीटर इलाके में खेती हो रही है। लेकिन अर्जेंटीना, अमरीका और जापान में खेती योग्य भूमि कम हो गयी है। सबसे ज्यादा खेती योग्य भूमि वाले टॉप-10 देशों में भारत के अलावा अमरीका, चीन, रूस, ब्राजील, कनाडा, नाइजीरिया, यूक्रेन, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।