जल बिरादरी की ओर से चौमासे में बरसात की महत्ता के दृष्टिगत पांच दिवसीय जल साक्षरता अभियान के पहले दिन आसलदेव इंटर कालेज पीपरपुर में संवाद गोष्ठी का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर पूजा अर्चना एवं माल्यार्पण से हुआ। पानी पत्रकार अरुण तिवारी ने कहा कि, पानी की समृद्धि के बगैर रोटी, रोजगार,सेहत और आर्थिक समृद्धि सम्भव नहीं है।
अमेठी। जल बिरादरी की ओर से चौमासे में बरसात की महत्ता के दृष्टिगत पांच दिवसीय जल साक्षरता अभियान के पहले दिन आसलदेव इंटर कालेज पीपरपुर में संवाद गोष्ठी का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर पूजा अर्चना एवं माल्यार्पण से हुआ। पानी पत्रकार अरुण तिवारी ने कहा कि, पानी की समृद्धि के बगैर रोटी, रोजगार,सेहत और आर्थिक समृद्धि सम्भव नहीं है। यदि हम ऐसी चौतरफा समृद्धि की सुरक्षा चाहते हैं तो यह जल सुरक्षा के बगैर सम्भव नहीं है। जल सुरक्षा के लिए जल के विषय में बुनियादी समझ और सक्रियता जरूरी है।जरूरी है कि हम नदी नहर, नाले, आर ओ नल, झील आदि के पानी के बीच के बुनियादी फर्क और उपयोग को समझें।
इसी के लिए अमेठी जल बिरादरी का यह साक्षरता अभियान है। पर्यावरणविद् देश के जाने-माने गांधीवादी पूर्व युवा निदेशक गांधी शांति प्रतिष्ठान रमेश चंद शर्मा ने कहा कि दुनिया में भारत की पहचान गंगा,गाय, गांव,गौतम और गांधी से है। हम अपना बचपन एक उम्र के बाद नहीं बचा सकते पर हम जीवन भर अपना बचपना बचाकर रख सकते हैं। जल में जीवन है। बचपना नया जीवन है। दोनों को बचाकर ही समाज को समृद्ध बनाया जा सकता है।
उत्तर काशी से पधारे पर्यावरणविद् सुरेश भाई ने कहा कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई रुके। पेड़ों पर राखी बांधने का अभियान चलाया जाना चाहिए। हमने उत्तर काशी में कोकाकोला को नहीं लगने दिया। हमें कोकाकोला नही पीने का पानी चाहिए। जल, जंगल और जमीन सबका है। इसे बचाकर रखना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। जल साक्षरता अभियान के संयोजक डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि चौमासे की बरसात का 20 प्रतिशत जल धरती के पेट में डालकर भूगर्भ जल स्तर को ऊपर उठाया जा सकता है। संवाद गोष्ठी में आये अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए प्रधानाचार्य डॉ लाल सिंह ने कहा कि हम अपने विद्यालय में जल साक्षरता इकाई गठित करेंगे।अपने विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को जल नायक- नायिका के रूप में तैयार कर अमेठी को पानीदार बनायेंगे।संवाद गोष्ठी को प्रबंधक रवीन्द्र प्रताप सिंह , डॉ अभिमन्यु पाण्डेय आदि ने भी सम्बोधित किया। संगोष्ठी का संचालन शिवभूषण उपाध्याय ने किया।
रिपोर्ट – कौशल किशोर मिश्रा, अमेठी