गोण्डा शहर के पन्तनगर, पटेल नगर पश्चिमी, महरानीगंज समेत करीब 20 वार्डों में पहली बार शहरी आशाओं की नियुक्ति की पूरी कर दी गई है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने गुरुवार को 30 शहरी आशाओं की नियुक्ति पर मुहर लगा दी है। जनपदवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु यह कदम उठाया गया है।
गोण्डा। गोण्डा शहर के पन्तनगर, पटेल नगर पश्चिमी, महरानीगंज समेत करीब 20 वार्डों में पहली बार शहरी आशाओं की नियुक्ति की पूरी कर दी गई है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने गुरुवार को 30 शहरी आशाओं की नियुक्ति पर मुहर लगा दी है। जनपदवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु यह कदम उठाया गया है।
डीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों को तत्काल चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी कर ज्वाइनिंग की औपचारिकताएं पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, रिक्त 10 पदों पर अग्रेत्तर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है। इससे साथ ही, अब इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का रास्ता साफ हो गया है। टीकाकरण, बच्चों को दवा खिलाने समेत दूसरी स्वास्थ्य सेवाओं को लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा।
बता दें, बीती 14 जून को जनपद में 40 शहरी आशा के रिक्त पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी। इसमें, 28 नवसृजित पदों के साथ 12 बैकलॉग के पद शामिल किए गए थे। 06 सितम्बर को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में साक्षात्कार का आयोजन किया गया। कुल प्राप्त 72 आवेदन पत्रों में से शैक्षिक योग्यता एवं साक्षात्कार के माध्यम से कुल 30 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसके साथ ही, 101 पदों के सापेक्ष शहरी आशा की संख्या 61 से बढ़कर 91 हो गई है।
वर्षों से परेशान थे स्थानीय लोग
पहली बार 20 वार्डों में इन 30 शहरी आशाओं का चयन हुआ है। इन वार्डों की सूची में पन्तनगर, पटेल नगर पश्चिमी, अहिरान, राजेन्द्र नगर, दयानन्द नगर, जिगर गंज, राजा मोहल्ला, आवास विकास प्रथम, आवास विकास द्वितीय, छेदी पुरवा, पटेलनगर पूर्वी, महराजगंज, इमाम बाडा, शास्त्रीनगर, बलवन्त पुरवा, सिविल लाइन प्रथम, साहेबगंज, बडगांव, मकाथी गंज और महरानी गंज वार्ड शामिल हैं। पहले यहां के लोगों को वैक्सीनेशन, बच्चों को दवा खिलाने जैसे सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भटकना पड़ा था। नियमित सर्वे न हो पाने के कारण स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य संबंधी स्थितियां विभाग के सामने तक नहीं आ पाती थी। नगरीय क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी इन शहरी आशाओं की होती है। इस चयन प्रक्रिया के पूर्ण होने से स्थानीय लोगों को काफी राहत मिल जाएगी।