लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा के अंदर खींचतान बढ़ती जा रही है। एक के बाद एक नेता मुखर हो रहे हैं और अपने अपने तरीके से अपनी बात को रख रहे हैं। इस बीच भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुनील भराला का बयान आया है। उन्होंने कहा कि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को अविलंब हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुआ अपने पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए।
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा के अंदर खींचतान बढ़ती जा रही है। एक के बाद एक नेता मुखर हो रहे हैं और अपने अपने तरीके से अपनी बात को रख रहे हैं। इस बीच भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुनील भराला का बयान आया है। उन्होंने कहा कि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को अविलंब हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुआ अपने पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए।
“संगठन सरकार से बड़ा होता है”- श्री केशव प्रसाद मौर्य।
वैसे ये पंडित दीनदयाल जी भाग ३ पर लिखा है। इस बयान पर मेरी समझ से संगठन की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है।
माननीय उप मुख्यमंत्री जी श्री @kpmaurya1 जी का आशय यही रहा होगा कि हार की बड़ी ज़िम्मेदारी संगठन की ही है। इसलिए माननीय…— Pandit Sunil Bharala (@sunilbharala) July 17, 2024
भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुनील भराला ने एक्स पर लिखा कि, “संगठन सरकार से बड़ा होता है”-केशव प्रसाद मौर्य। वैसे ये पंडित दीनदयाल जी भाग ३ पर लिखा है। इस बयान पर मेरी समझ से संगठन की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी का आशय यही रहा होगा कि हार की बड़ी ज़िम्मेदारी संगठन की ही है। इसलिए माननीय प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी को अविलंब हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुआ अपने पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए। भाजपा में ऐसी परिपाटी रही है जहां तत्कालीन अध्यक्षों जैसे कलराज मिश्र जी, विनय कटिहार जी आदि ने इस्तीफ़े दिए थे। संगठन का असली कार्यकर्ता वो ही है जो अपनी गद्दी से पहले अपने संगठन व पार्टी के बारे में सोचे।