करेला अपने कड़वा स्वाद के कारण जाना जाता रहा है। गर्मी में करेला की सब्जी और करेले के व्यंजन लोकप्रिय हैं। बदलती जीवनशैली के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियों मधुमेह और रक्तचाप में करेले के सेवन को रामबाण औषधि माना गया है।
Garmi Mein Karela: करेला अपने कड़वा स्वाद के कारण जाना जाता रहा है। गर्मी में करेला की सब्जी और करेले के व्यंजन लोकप्रिय हैं। बदलती जीवनशैली के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियों मधुमेह और रक्तचाप में करेले के सेवन को रामबाण औषधि माना गया है। सदियों पहले से आयुर्वेद में करेले को एक कारगर औषधि माना गया है। भिंडी करेले, प्याज करेले, आलू करेले, करेला अचार, आम करेला जैसी तमाम करेले के व्यंजन काफी मशहूर हैं। करेला एक लता है जिसके फलों की सब्जी बनती है। इसका स्वाद कड़वा होता है। इसमें ढेरों एंटीऑक्सीडेंट और जरूरी विटामिन पाए जाते हैं।
नूट्रिशनल वैल्यू
करेले में प्रचूर मात्रा में विटामिन A, B और C पाए जाते हैं। इसके अलावा कैरोटीन, बीटाकैरोटीन, लूटीन, आइरन, जिंक, पोटैशियम, मैग्नीशियम और मैगनीज जैसे फ्लावोन्वाइड भी पाए जाते हैं। करेला हमारी पाचन शक्ति को सुधारता है। पचने में करेला हल्का होता है। गर्मी से उत्पन्न विकारों पर शीतल होने के कारण यह शीघ्र लाभ करता है।
त्वचा रोग नहीं होते
इसमें मौजूद बिटर्स और एल्केलाइड तत्व रक्त शोधक का काम करते हैं। करेले की सब्जी खाने और मिक्सी में पीस कर बना लेप रात में सोते समय लगाने से फोड़े-फुंसी और त्वचा रोग नहीं होते। दाद, खाज, खुजली, सियोरोसिस जैसे त्वचा रोगों में करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीना फायदेमंद है। करेला रक्तशोधक होता है। चर्म रोगी को भी यह लाभकारी है