जर्मनी में चांसलर ओलाफ शॉल्स की गठबंधन सरकार (Olaf Scholes' coalition government) संसद में अविश्वास प्रस्ताव ( No confidence motion) हार गई है जिसके बाद फरवरी 2025 में मध्यावधि चुनाव (mid-term elections) कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
यह प्रस्ताव पिछले महीने स्कोल्ज़ के तीन-पक्षीय गठबंधन (three-party alliance) के टूटने के बाद आया है । स्कोल्ज़ ने नवंबर में पूर्व वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर(former Finance Minister Christian Lindner) को बजटीय और आर्थिक नीतियों पर मतभेदों के चलते पद से हटा दिया था। लिंडनर की फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (FDP) ने गठबंधन से बाहर होने का विकल्प चुना।
इसके कारण स्कोल्ज़ की सोशल डेमोक्रेट्स ((SPD)) और ग्रीन्स को संसद में बहुमत नहीं मिला। जर्मनी के लिए सरकार का संकट ऐसे समय में आया है जब अर्थव्यवस्था में मंदी(slowdown in economy) है, बुनियादी ढांचा पुराना हो रहा है और सेना तैयार नहीं है।
जर्मनी के संविधान के अनुसार, यदि चांसलर विश्वास मत में हार जाता है तो राष्ट्रपति संसद को भंग कर चुनाव की घोषणा कर सकता है।
अब जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर के पास संसद को भंग करने के लिए 21 दिन का समय है और 60 दिनों के भीतर चुनाव कराना होगा।