नई दिल्ली: राज्यसभा में आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस दौरान आजाद भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि उन्हें हिन्दुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व है। उन्होंने आगे कहा कि वो इंदिरा गांधी और संजय गांधी के आभारी हैं। बता दें, आजाद को पांच-पांच अध्यक्षों के साथ काम करने को मौका मिल चुका है।
गुलाम नबी आजाद ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें और अन्य लोगों को इंदिरा गांधी हमेशा यही कहती थीं कि उन सबको अटल बिहारी वाजपेयी जी के संपर्क में रहना चाहिए। अपनी बात को जारी रखते हुए आजाद ने कहा कि उनकी गिनती उन सौभाग्यशाली लोगों में होती है, जोकि कभी पाकिस्तान नहीं गए। उन्होंने कहा, ‘जब मैं पाकिस्तान में परिस्थितियों के बारे में पढ़ता हूं, तो मुझे एक हिंदुस्तानी मुस्लिम होने पर गर्व महसूस होता है।’
इस दौरान आजाद ने कश्मीरी पंडितों और अपने 41 साल के संसदीय जीवन को याद करते हुए कहा, ‘गुजर गया वो जो छोटा सा इक फसाना था, फूल थे, चमन था, आशियाना था, न पूछ उजड़े नशेमन की दास्तां, न पूछ थे चार दिन के मगर नाम आशियाना तो था।’ बता दें, गुलाम नबी आजाद से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसदों की विदाई के मौके पर काफी भावुक नजर आए थे। बता दें, आज गुलाम नबी आजाद सहित चार सांसदों की विदाई हुई।
इसमें दो पीडीपी, एक कांग्रेस और एक बीजेपी सांसद शामिल हैं। ये वो सांसद हैं, जिनका राज्यसभा कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है। वहीं, गुलाम नबी आजाद को लेकर पीएम मोदी ने एक पुराना किस्सा याद करते हुए बताया कि जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब नबी भी एक राज्य के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। पीएम ने कहा, ‘हमारी बहुत गहरी निकटता रही। एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया।’ अपनी बात साझा करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए।