सोने (Gold) की बढ़ती कीमतों के कारण आम आदमी की पहुंच से दूर हो चुका था, लेकिन अब कीमती पीली धातु में अब फिर से गिरावट देखने को मिल रही है। MCX पर आज सोने-चांदी (Gold and Silver) के दाम औंधे मुंह गिरे हैं। खबर लिखे जाने के समय सोने का भाव 0.45 फीसदी लुढ़क कर 89,655 रुपए प्रति 10 ग्राम जबकि चांदी 2.43 फीसदी टूटी, ये 92,106 रुपए पर कारोबार कर रही है।
नई दिल्ली। सोने (Gold) की बढ़ती कीमतों के कारण आम आदमी की पहुंच से दूर हो चुका था, लेकिन अब कीमती पीली धातु में अब फिर से गिरावट देखने को मिल रही है। MCX पर आज सोने-चांदी (Gold and Silver) के दाम औंधे मुंह गिरे हैं। खबर लिखे जाने के समय सोने का भाव 0.45 फीसदी लुढ़क कर 89,655 रुपए प्रति 10 ग्राम जबकि चांदी 2.43 फीसदी टूटी, ये 92,106 रुपए पर कारोबार कर रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में गोल्ड के दाम 40 फीसदी तक गिर सकते हैं, जिससे यह फिर से मिडिल क्लास (Middle Class) की पहुंच में आ जाएगा। बीते एक साल में ही सोने की कीमतों में 35 से 40 फीसदी का उछाल आ चुका है।
अमेरिकी विश्लेषक फर्म मॉर्निंगस्टार (American Analyst Firm Morningstar) का दावा है कि सोने की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं, जिससे निवेशकों को फायदा हो रहा है लेकिन उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ रहा है लेकिन अगले कुछ महीने में सोने की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है। यह गिरावट 38 फीसदी से भी ज्यादा रहने का अनुमान है। ऐसा होता है तो ज्वैलरी खरीदने वालों को इसका बड़ा फायदा होगा लेकिन निवेशकों को इससे नुकसान हो सकता है।
प्रति 10 ग्राम ₹55,000 तक आ सकता है दाम
भारतीय बाजारों (Indian Markets) में 24 कैरेट सोने की मौजूदा कीमत लगभग ₹91,000 प्रति 10 ग्राम है, जबकि ग्लोबल मार्केट में यह $3,100 प्रति औंस से ऊपर कारोबार कर रहा है लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें करीब 40% तक की संभावित गिरावट देखी जा सकती है। अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो एक्सपर्ट्स के अनुसार, भारत में सोने की कीमत ₹55,000 प्रति 10 ग्राम तक आ सकती है।
जानें इस गिरावट की वजह
हाल ही में सोने की कीमतों में उछाल आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई की चिंताओं और भू-राजनीतिक तनावों के कारण आया है। निवेशकों ने सोने को एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में चुना, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के कार्यकाल के दौरान शुरू हुए व्यापार युद्ध के बीच। अब कई ऐसे फैक्टर हैं जो इन कीमतों को नीचे ला सकते हैं।