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ऐसे आदेश पूरी तरह से ख़ारिज होने चाहिए…कांवड़ यात्रा को लेकर जारी फरमान पर बोले अखिलेश यादव

कांवड़ यात्रा को लेकर जारी किया गया मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस के फरमान पर सियासत तेज हो गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस फरमान का विरोध किया। साथ ही पूछा कि, और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। कांवड़ यात्रा को लेकर जारी किया गया मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस के फरमान पर सियासत तेज हो गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस फरमान का विरोध किया। साथ ही पूछा कि, और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? उन्होंने आगे कहा कि, ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं। हालांकि, सियासी सरगर्मी के बीच मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस की तरफ से सफाई दी गयी है।

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अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि, मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आख़िरकार होटल, फल, ठेलोंवालों को अपना नाम लिखकर प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो अपनी पीठ थपथपायी है, उतने से ही अमन-औ-चैन पसंद करनेवाली जनता माननेवाली नहीं है। ऐसे आदेश पूरी तरह से ख़ारिज होने चाहिए। माननीय न्यायालय सकारात्मक हस्तक्षेप करते हुए शासन के माध्यम से ये सुनिश्चित करवाए कि भविष्य में ऐसा कोई भी विभाजनकारी काम शासन-प्रशासन नहीं करेगा। ये प्रेम और सौहार्द से उपजी एकता की जीत है।

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इससे पहले अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा था कि, और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।

वहीं, इससे पहले मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। इसमें लिखा गया कि, श्रावण कांवड़ यात्रा के दौरान समीपवर्ती राज्यों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश होते हुए भारी संख्या में कांवड़िये हरिद्वार से जल उठाकर मुजफ्फरनगर जनपद से होकर गुजरते हैं। श्रावण के पवित्र माह में कई लोग ख़ासकर कांवड़िये अपने खानपान में कुछ खाद्य सामग्री से परहेज़ करते हैं। पूर्व मे ऐसे दृष्टान्त प्रकाश मे आये हैं जहां कांवड़ मार्ग पर हर प्रकार की खाद्य सामग्री बेचने वाले कुछ दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों के नाम इस प्रकार से रखे गए जिससे कांवड़ियो मे भ्रम की स्थिति उत्पन्न होकर कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई। इस प्रकार की पुनरावृत्ति रोकने एवं श्रद्धालुओं की आस्था के दृष्टिगत कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल, ढाबे एवं खानपान की सामग्री बेचने वाले दुकानदारों से अनुरोध किया गया है कि वे स्वेच्छा से अपने मालिक और काम करने वालों का नाम प्रदर्शित करें। इस आदेश का आशय किसी प्रकार का धार्मिक विभेद ना होकर सिर्फ मुजफ्फरनगर जनपद से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, आरोप प्रत्यारोप एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को बचाना है। यह व्यवस्था पूर्व मे भी प्रचलित रही है

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