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एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का सरकार ने किया काम : साक्षी मलिक

साक्षी मलिक ने ट्वीट कर लिखा है कि, 'सरकार ने एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम किया है। मैं न कभी बिना ट्रायल खेलने गई हूं और न ही इसका समर्थन करती हूं। सरकार की इस मंशा से विचलित हूं। हमने ट्रायल्स की डेट आगे बढ़वाने की बात कही थी लेकिन सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है।

By शिव मौर्या 
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Asian Games: एशियाई खेलों में बिना ट्रायल के कुछ पहलवानों की एंट्री को लेकर बवाल मचा हुआ है। कुछ पहलवान इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। इस बीच साक्षी मलिक ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है।गुरुवार को साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘सरकार ने एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम किया है। मैं न कभी बिना ट्रायल खेलने गई हूं और न ही इसका समर्थन करती हूं। सरकार की इस मंशा से विचलित हूं। हमने ट्रायल्स की डेट आगे बढ़वाने की बात कही थी लेकिन सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है।

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, हमने एडहॉक कमेटी से समय मांगा था ताकि हमारा ट्रायल 10 अगस्त के बाद कराया जाए क्योंकि हम ट्रेनिंग करने में असमर्थ थे। उन्होंने हमें समय देते हुए एक पत्र भेजा। यही वजह है कि हम ट्रेनिंग के लिए बाहर आये। हालांकि, मुझे सरकार से फोन आया कि वे एशियाई खेलों के लिए सीधे उन दोनों (बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट) का नाम भेज रहे हैं और मुझसे एक मेल भेजने के लिए कहा ताकि मेरा नाम भी भेजा जा सके। मैंने मना कर दिया क्योंकि मैं सीधे प्रवेश नहीं चाहती थी। साथ ही कहा कि, मैं बिना ट्रायल के किसी भी टूर्नामेंट में नहीं गई हूं और न ही भविष्य में कभी ऐसा करूंगी।

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साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने कहा कि, मैं सीधे नाम भेजने के इस कदम के खिलाफ हूं क्योंकि मैं नहीं चाहती कि किसी भी खिलाड़ी का अधिकार छीन लिया जाए। यह पहलवानों के बीच लड़ाई को भड़काने के लिए है जिसके कारण दो लोगों के नाम सीधे भेजे गए हैं। मैं पूरी तरह से इसके खिलाफ़ हूं।

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