सनातन धर्म में योग और मुहूर्त का बहुत महत्व है। मान्यता है कि ग्रह नक्षत्रों के विचित्र संयोग का असर जीवन और कार्यों पर पड़ता है।
Guru Pushya Yoga 2023 : सनातन धर्म में योग और मुहूर्त का बहुत महत्व है। मान्यता है कि ग्रह नक्षत्रों के विचित्र संयोग का असर जीवन और कार्यों पर पड़ता है। गुरु पुष्य योग को अमृत योग भी कहा जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार पुष्य नक्षत्र में ही धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था। मान्यता अनुसार इस दौरान की गई खरीदारी अक्षय रहेगी। गुरु पुष्य योग सबसे शुभ योगों में से एक माना जाता है। इस दिन सभी शुभ कार्य किये जा सकते हैं। इस शुभ दिन पर, भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और आशीर्वाद मांगते हैं।
इस साल का आखिरी गुरु पुष्य नक्षत्र 29 दिसंबर 2023 को बन रहा है। इस नक्षत्र की शुरुआत 29 दिसंबर 2023 दिन गुरुवार को सुबह 3 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 30 दिसंबर की सुबह 3 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। साल के अंत में धनु राशि में सूर्य और मंगल के योग से आदित्य मंगल राजयोग भी बनने वाला है। गुरु के मेष राशि में मार्गी होने के कारण गजकेसरी योग बनने वाला है।
पुष्य नक्षत्र पर गुरु, शनि और चंद्र का प्रभाव होता है तो ऐसे में स्वर्ण, लौह (वाहन आदि) और चांदी की वस्तुएं खरीदी जा सकती है।