हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार के व्रत और उपवास का नियम है। इसी प्रकार अपने अखण्ड़ सौभग्य के लिए सुहागिन महिलाओं के विभिन्न प्रकार की पूजा का नियम है।
Hariyali Teej 2023 : हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार के व्रत और उपवास का नियम है। इसी प्रकार अपने अखण्ड़ सौभग्य के लिए सुहागिन महिलाओं के विभिन्न प्रकार की पूजा का नियम है। सावन के महीने में पड़ने वाले व्रत त्योहार में हरियाली तीज का त्योहार विशेष है। हरियाली तीज भारत देश के कई हिस्सों में महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। हरियाली तीज व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं शुभ समय में माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करती हैं।
इस बार हरियाली तीज का शनिवार, 19 अगस्त 2023 के दिन पड़ रही है। हरियाली तीज पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7:47 बजे से लेकर सुबह 9:22 तक रहेगा। इसके अलावा शाम को 6:52 बजे से लेकर 7:45 बजे तक भी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त है।
माता पार्वती की मनोकामना श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि को पूर्ण हुई
पौराणिक कथाओं के अनुसार,माता सती के आत्मदाह के बाद माता पार्वती ने जन्म लिया और भगवान शिव को पति स्वरूप पाने के लिए कई वर्षों तक कठोर व्रत और तप किया। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, माता पार्वती की मनोकामना श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि को पूर्ण हुई, इस वजह से हर साल इस तिथि के दिन हरियाली तीज मनाई जाती है।
घेवर, मालपुआ, खीर जैसी मिठाइयां जरूर बनाई जाती हैं
हरियाली तीज के दिन सज धज कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। हरियाली तीज के दिन झूला भी झूला जाता है। करने के अलावा नए और हरे रंग के कपड़े पहनने का विशेष महत्व होता है। इस दिन हाथों में मेहंदी लगाई जाती है, हरे रंग की चूड़ियां पहनी जाती है । महिलाएं फूल पत्तियों से सजे हुए झूले पर बैठकर मानसून का लुत्फ उठाती है और पारंपरिक गाने और डांस करती हैं। हरियाली तीज पर खाने-पीने का भी विशेष महत्व होता है, इस दिन घेवर, मालपुआ, खीर जैसी मिठाइयां जरूर बनाई जाती हैं।