देश में हेट स्पीच (Hate Speech) के बढ़ते मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को चार राज्यों को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राज्यों से ये बताने को कहा कि क्या उन्होंने नोडल अधिकारी नियुक्त किया है या नहीं?
नई दिल्ली। देश में हेट स्पीच (Hate Speech) के बढ़ते मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को चार राज्यों को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राज्यों से ये बताने को कहा कि क्या उन्होंने नोडल अधिकारी नियुक्त किया है या नहीं? जिन राज्यों को नोटिस जारी किया है, उनमें गुजरात, केरल, नागालैंड और तमिलनाडु शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी 2024 को होगी।
केंद्र सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर बताया कि 28 राज्यों ने अपने यहां नोडल अधिकरियों की नियुक्ति कर दी है। एएसजी केएम नटराजन ने कोर्ट को बताया कि गुजरात, केरल, नागलैंड, पश्चिम बंगाल ने अभी जवाब नहीं दाखिल किया है। नोडल अधिकरियों की नियुक्ति को लेकर भी जानकारी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूछा कि कितने राज्यों ने अपना जवाब दाखिल किया है।
नोडल अफसर तैनात किए या नहीं?
बंगाल सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसने अपने यहां नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। ASG ने बताया कि 11 अक्टूबर को गृह सचिव ने सभी राज्यों की बैठक बुलाई थी और उठाए जाने वाले कदमों और अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा हम राज्यों को नोटिस जारी करेंगे। राज्य बताएं कि क्या नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है या नहीं?
व्यक्तिगत मामलों से नहीं निपट सकते: जस्टिस खन्ना
याचिकाकर्ता की तरफ से वकील निजाम पाशा ने कहा अगर कोई व्यक्ति घृणास्पद भाषण (Hate Speech) देता है तो उसको दोबारा सभाओं को संबोधित करने की अनुमति दी जाती है। जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम व्यक्तिगत मामलों से नहीं निपट सकते, आप संबंधित हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं। कोर्ट ने 7 जुलाई 2018 को हेट स्पीच (Hate Speech) पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइन जारी की थी।
हेट स्पीच को एक गंभीर अपराध: सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हेट स्पीच (Hate Speech) को एक गंभीर अपराध बताया है। देशभर में हो रहे हेट स्पीच मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक बयान में कहा था कि जिस दिन राजनीति और धर्म दोनों अलग अलग हो जाएंगे, उस दिन नफरती भाषण (Hate Speech) बंद हो जाएंगे।