Hindenburg-Adani Row : अमेरिका की एक इनवेस्टमेंट रिसर्च फर्म जिसने दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी गौतम अडानी (Gautam Adani) को हिला दिया है। हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) और अडानी समूह मामले में शुक्रवार 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई।
Hindenburg-Adani Row : अमेरिका की एक इनवेस्टमेंट रिसर्च फर्म जिसने दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी गौतम अडानी (Gautam Adani) को हिला दिया है। हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) और अडानी समूह मामले में शुक्रवार 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई के दौरान भारतीय निवेशकों (Indian Investors) को हुए लाखों करोड़ के नुकसान पर चिंता जाहिर की। कोर्ट ने भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए व्यवस्था में सुधार के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से सुझाव मांगे हैं। अदालत ने एक विशेषज्ञ कमेटी बनाने का भी संकेत दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी।
कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अडानी समूह (Adani Group) की कंपनियां गले तक कर्ज में डूबी हुई हैं। साथ ही ये भी कहा गया है कि अडानी समूह (Adani Group) दशकों से स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल है। इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी समूह (Adani Group) के शेयरों में भारी गिरावट का दौर जारी है।
अडानी का साम्राज्य तबाह करने वाले नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) इससे पहले 36 बड़े फ्राड कंपनियों का काम तमाम कर चुके हैं। नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) जिसके पीछे पड़ते हैं पूरा खोद कर निकाल देते हैं। कंपनी में घुस जाते हैं, पैसा भी लगाते हैं और फिर एक्सपोज़ करते हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) को लांच करने से पहले एंडरसन, हैरी मार्कोपोलोस के साथ काम कर रहे थे। हैरी मार्कोपोलोस सेक में अधिकारी रह चुके हैं। जैसे भारत में सेबी होती है वैसे ही अमेरिका में सेक होता है। हैरी मार्कोपोलोस (Harry Markopolos) बर्नी मेडॉफ की फ्रॉड स्कीम का पर्दाफाश कर खूब चर्चा में आए थे।
नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) , हैरी मार्कोपोलोस (Harry Markopolos) को अपना गुरू मानते हैं। गुरू अपने चेले से खूब प्रभावित हैं। मार्कोपोलोस कहते हैं कि एंडरसन कुछ भी खोद कर निकाल सकते हैं। अगर उन्हें किसी भी घपले की भनक लग जाए तो वो उसे बेपर्दा करके ही दम लेते हैं। उन्होंने एम्बुलेंस ऐसे ही किसी पड़ताल के लिए पैसे कम होने पर चलाया और उस पैसे से कई खुलासे किये। क्या इंसान है, जूनून है सच सामने लाने का।
बेहद लो प्रोफाइल लाइफ जीने वाले नाथन के 10 सहयोगी पिछले वर्षो में ही जुड़े है। इससे पहले वे अकेले ही खुलासा करते थे। रिसर्च की विश्वसनियता इतनी कि विश्व के सभी बड़े मीडिया समूह में उनके रिसर्च की धूम है।