राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सर्किट हाउस से रवाना होकर अपने पैतृक गांव परौंख पहुंच गए हैं। वहीं, गांव के लोग राष्ट्रपति का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। राष्ट्रपति के स्वागत के लिए द्वार-द्वार रंगरोगन के साथ लिपाई की गई। राष्ट्रपति बनने के करीब चार साल बाद रामनाथ कोविंद रविवार को पहली बार पैतृक गांव परौंख पहुंचे। इससे गांव के लोगों का सालों का इंतजार खत्म हो रहा है।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सर्किट हाउस से रवाना होकर अपने पैतृक गांव परौंख पहुंच गए हैं। वहीं, गांव के लोग राष्ट्रपति का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। राष्ट्रपति के स्वागत के लिए द्वार-द्वार रंगरोगन के साथ लिपाई की गई। राष्ट्रपति बनने के करीब चार साल बाद रामनाथ कोविंद रविवार को पहली बार पैतृक गांव परौंख पहुंचे। इससे गांव के लोगों का सालों का इंतजार खत्म हो रहा है।
पैतृक गांव पहुंचने के बाद राष्ट्रपति सबसे पहले पथरी देवी मंदिर पहुंचें इसके बाद उनकी पत्नी सविता कोविंद और उनकी बेटी भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उनके साथ मंदिर पहुंचीं। राष्ट्रपति ने पथरी देवी मंदिर में माथा टेका और परिक्रमा की। करीब 15 मिनट तक विधि—विधान से पुजारी कृष्ण कुमार बाजपेई ने पूजा संपन्न कराई।
राष्ट्रपति इस मौके पर फल-मिष्ठान अपने साथ ही लाए थे। राष्ट्रपति ने देवी के चरणों में 11 हजार रुपये अर्पित किए। पुजारी को 11 सौ रुपये भेंट दी। राष्ट्रपति ने इस मौके पर अपनी बेटी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पथरी देवी मंदिर के महत्व और अपने पिता द्वारा की गई देखरेख के बारे में भी बताया।
यहां से वह प्राथमिक विद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां वह परिवारीजनों, रिश्तेदारों और संबंधियों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद हेलीकॉप्टर से पुखरायां पहुंचेंगे। मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर, एडीजी भानु भास्कर, जिलाधिकारी जेपी सिंह, सीडीओ सौम्या पांडेय तैयारियों का जायजा लेने गांव पहुंचीं।