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Holi 2022 : मनकामेश्वर मठ मंदिर में राध-कृष्ण की फूलों की होली बनी आकर्षण का केन्द्र

डालीगंज स्थित प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ मंदिर में सोमवार 14 मार्च को सुबह से ही भक्तों ने मंदिर में सोमवारीय दर्शन और जलाभिषेक शुरू कर दिये थे। इसके साथ ही दोपहर से रंगभरी एकादशी पर्व का उल्लास भी परिसर में देखते ही बना। महादेव मनकामेश्वर और मठ मंदिर के गुरुजनों की प्रतिमाओं का पूजन किया गया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। डालीगंज स्थित प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ मंदिर में सोमवार 14 मार्च को सुबह से ही भक्तों ने मंदिर में सोमवारीय दर्शन और जलाभिषेक शुरू कर दिये थे। इसके साथ ही दोपहर से रंगभरी एकादशी पर्व का उल्लास भी परिसर में देखते ही बना। महादेव मनकामेश्वर और मठ मंदिर के गुरुजनों की प्रतिमाओं का पूजन किया गया।

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भक्तों ने देव्यागिरि को गुलाल अर्पित कर आशीर्वाद हासिल किया। इस क्रम में गुरुवार 18 मार्च को पूर्णिमा पर मनकामेश्वर घाट उपवन में पांच हजार कंडों की भव्य होलिका का दहन किया जाएगा। इसके साथ ही पूर्णिमा पर घाट उपवन पर ही मां गोमती की आरती भी की जाएगी जबकि शनिवार 19 मार्च को रंगों से होली खेली जाएगी।

मनकामेश्वर मठ मंदिर की श्रीमहंत देव्यागिरि ने बताया कि रंगभरी एकादशी वाराणसी में भव्य रूप में मनायी जाती है। मान्यता के अनुसार महादेव माता गौरा के साथ नगर भ्रमण करते हैं। ऐसे में पूरी नगरी उस दिन संतों की होली मनाती है। उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए मनकामेश्वर मठ मंदिर में भी सोमवार को संतों की होली का अनुष्ठान हुआ। साल 1933 से मनकामेश्वर मठ नाम से लोकप्रिय इस प्राचीन मठ मंदिर में महंत रामगिरि, महंत बालक गिरि, महंत त्रिगुणानंद गिरि, महंत बजरंग गिरि, महंत केशव गिरि महराज की प्रतिमाओं का रंगभरी एकदशी पर रंग और पुष्प अर्पित कर वैश्विक शान्ति और निरोगिता के साथ साथ हिन्दुस्तान की सम्पन्नता के लिए प्रार्थना की गई।

साल 2009 से मठ मंदिर की गद्दी पर विराजमान श्रीमहंत देव्यागिरि को उनके भक्तों ने अबीर गुलाल अर्पित कर रंगभरी एकादशी पर आशीर्वाद हासिल किया। इस अवसर पर श्रीमहंत देव्यागिरि ने मेवे का प्रसाद चढ़ाया। संतों में गौरजा गिरि, हरिओम, मोनी बाबा सहित अन्य संतों ने एक दूसरे को रंग लगाकर सर्वमंगल की कामना की।

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राधा कृष्ण ने खेली फूलों की होली

बात होली की हो तो बृज की फूलों की होली अपने आप ही स्मृति पटल पर जीविंत हो उठती है। इसीलिए सोमवार को रंगभरी एकादशी पर विशेष रूप से मंदिर समिति की ओर से राधा कृष्ण की होली का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। इसमें मोहिता और पिंकी ने राधा कृष्ण बन कर फूलों की होली खेली और मंगल कामना के रूप में फूलों की बौछार भक्तों पर भी की।

17 को इको फ्रेंडली होलिका का होगा दहन

मनकामेश्वर घाट उपवन में मठ मंदिर की श्रीमहंत देव्यागिरि के निर्देशन पर ईको फ्रेंडली होलिका की तैयारियां शुरू हो गई है। इस बार का लक्ष्य 5 हजार कंडों की भव्य होलिका दहन का निर्धारित किया गया है। सर्वकल्याण की कामना से कपूर, पान, सुपारी, लौंग, छोटी इलायची, कमल गट्ठे, गुग्गल, चावल, घी, जौ, तिल, जावित्री, जायफल, पीली सरसों, पंच मेवा, सिंदूर, उड़द मोटा, शहद, केला, नारियल गोला, लाल चुन्नी, गिलोय, आम के पत्ते, सरसों का तेल, केसर, लाल चंदन, सफेद चंदन, सतावर, कत्था, भोजपत्र, काली मिर्च, मिस्री, अनारदाना, बूरा, नागर मोथा आदि का प्रयोग होलिका दहन मे किया जाएगा।

इसके लिए घाट पर खंब बसंत पंचमी पर ही लगा दिया गया था। चूंकि उस दिन पूर्णिमा होगी इसलिए परंपरा के अनुसार बनारस की तरह 11 वेदियों से आदि गंगा मां गोमती की आरती भी की जाएगी। इस अवसर पर वैश्विक शान्ति और रोग मुक्ति के लिए भी प्रार्थना की जाएगा। इस अवसर पर फूलों की होली का सतरंगी कार्यक्रम भी होगा। रंगोली और फूलों की सजावट मंडप आदि अन्य आकर्षण बनेंगे। प्रसाद वितरण के साथ ही जरूरतमंद बच्चों को वस्त्र, रंग, पिचकारी मिष्ठान आदि भेंट की जाएंगे। इसके साथ ही सेल्फी प्वाइंट भी बनाया जाएगा। इस क्रम में भक्तगण सतरंगी होली शनिवार 19 मार्च को खेलेंगे।

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श्रीमहंत देव्यागिरि ने बताया कि गुरुवार 17 मार्च को दोपहर 1:02 से रात 12:57 बजे तक भद्रा है। ऐसे में उसके बाद ही रात्रि, पूर्णिमा और भ्रदा मुक्त काल में होलिका दहन किया जाएगा। दूसरी ओर शुक्रवार 18 मार्च को सूर्योदय 6:02 होने पर पूर्णिमा भोग करेगी जबकि शनिवार 19 मार्च की सुबह प्रतिपदा का मान मिलेगा। इसलिए उदयातिथि में प्रतिपदा होने रंगभरी होली का महापर्व 19 मार्च को मनाया जाएगा।

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