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Holi 2023 : होली मनाएं इको फ्रैंडली, त्वचा और आँखों के लिए बहुत हानिकारक होते है केमिकल रंग

रंगों का त्योहार होली इस साल 8 मार्च को मनाया जाएगा। बिना रंग के होली की कल्पना ही नहीं की जा सकती है, लेकिन मुश्किल यह है कि इन रंगों में जो केमिकल पाए जाते हैं, वो हमारी त्वचा और आँखों के लिए बहुत हानिकारक होते हैं।

By अनूप कुमार 
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Holi 2023 : रंगों का त्योहार होली इस साल 8 मार्च को मनाया जाएगा। बिना रंग के होली की कल्पना ही नहीं की जा सकती है, लेकिन मुश्किल यह है कि इन रंगों में जो केमिकल पाए जाते हैं, वो हमारी त्वचा और आँखों के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। ऐसी स्थिति में । हम Herbal Antibacterial , Antiallergic Eco-Friendly होली खेलें  यह संभव है प्रकृति मैं पाये जाने वाले विभिन्न सुगंधित  फूलों,फलों,पौधों ,चन्दन,आटे,बेसन,ग्वारपाठा ,नीम और हल्दी की मदद से घर बैठे सुगंधित  आकर्षक व चटकीले रंग घर पर ही बना कर हम हर्बल इकोफ्रेंडली होली का मज़ा ले सकते हैं

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नारंगी रंग – हरसिंगार के फूलों या टेसू के फूलों को जमा कर छाया में सुखाकर उनको पानी में भिगोकर नारंगी रंग बना सकते हैं इसी प्रकार गाढ़े नारंगी लाल रंग के लिए एक चुटकी कत्था और दो चम्मच हल्दी पाउडर में कुछ बूंद पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे 10 लीटर पानी में घोलकर पतला कर सकते हैं।

हरा रंग-ग्वारपाठा (एलोवेरा) के कांटे निकालकर उसे पीस लें और जो हरा रंग का पेस्ट  मिले उसे हरे हर्बल रंग की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें नीम की पत्तियों का पेस्ट भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। या फिर गुलमोहर की पत्तियों को सुखाकर, महीन पाउडर कर लें, इसे आप हरे रंग की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। या फिर मेंहदी को आटे के साथ मिलाकर आप सूखा हरा रंग तैयार कर सकते हैं।

नीम गुलाल : हेतु नीम की पत्तियों को सुखाकर उसका पाउडर रंग का इस्तेमाल रंग व गुलाल की तरह किया जा सकता है।

पीला रंग: हल्के पीले रंग के लिए चने के पाउडर का इस्तेमाल करें।हल्दी और बेसन को मिलाकर भी आप पीला रंग तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आप जितनी हल्दी लें, उसकी दोगुनी मात्रा में बेसन मिलाएं।

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 लाल रंग: लाल रंग के लिए आप लाल चंदन पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लाल गुलाल की जगह आप चाहें तो लाल चंदन पाउडर में गुड़हल के फूल को सुखाकर व पीसकर मिलाएं। इससे गुलाल और भी लाल और खुशबूदार हो जाएगा। गीले रंग के लिए दो छोटे चम्मच लाल चन्दन पावडर को पाँच लीटर पानी में डालकर उबालें। इसमें बीस लीटर पानी और डालें।

 काला रंग : काले रंग के अंगूरों को पीसकर उनके पेस्ट में पानी मिलाकर आप उसे रंग के तौर पर उपयोग कर सकते हैं। इनमें चंदन पाउडर भी मिला सकते हैं, ताकि खुशबू भी आ जाए

केसरिया रंग :  अगर आप केसरिया रंग से होली खेलना चाहते हैं तो लगभग 250 ग्राम  कचनार के फूल को  रात भर 4 लीटर पानी में भिगोने  प्राकृतिक गुलाबी या केसरिया रंग तैयार किया जा सकता है।

 नीला रंग: नीले रंग के लिए नील के पौधों पर निकलने वाली फलियों को पीस लें और पानी में उबालकर मिला लें। इस तरह नीले गुड़हल के फूलों को सुखाकर पीसने से भी आप नीला रंग तैयार कर सकते हैं।

 

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