काशी रंगोत्सव में सराबोर हो गई। परंपारनुसार,शनिवार को तीन सौ साल पुरानी चिता भस्म की होली की परम्परा को निभाने काशीवासियों का हुजूम महाश्मशान मर्णिकर्णिका घाट पर उमड़ पड़ा।
Holi Kashi Mahasamshan 2023: काशी रंगोत्सव में सराबोर हो गई। परंपारनुसार,शनिवार को तीन सौ साल पुरानी चिता भस्म की होली की परम्परा को निभाने काशीवासियों का हुजूम महाश्मशान मर्णिकर्णिका (Kashi Mahasamshan Manikarnika) घाट पर उमड़ पड़ा। काशी वसियों ने धधकती चिताओं के बीच चिता भस्म की होली खेली। इस मौके पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे।
ढोल-नगाड़े और डमरूओं के गूंज के बीच हजारों शिव भक्तों की टोलियां सुबह 11 बजे से महाश्मशान की ओर पहुंचने लगी। शिव के गण यक्ष, गंधर्व, किन्नर, औघड़ सब महाश्मशान पर चिताओं के भस्म की होली खेलने पहुंचे। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के पास स्थित इस महाश्मशान पर इस ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं वाली विश्व की अनूठी होली को कैमरों के कैद करने की होड़ मच गई।
शिव-पार्वती के स्वरूप के साथ पहुंचे भोलेनाथ के गणों ने चिताओं की भस्म से होली खेलनी शुरू कर दिया। मोहक संगीत की धुनों पर थिरकते अड़भंगी के काशी के लोग चिता भस्म को शरीर पर लपेटे जा रहे थे। यह जानते हुए कि कल इसी भस्म में उनका शरीर भी तब्दील हो जाना है। अछ्वुत और अलौकिक होली।
चिता भस्म की इस होली के आयोजन महाश्मशान नाथ मंदिर के अध्यक्ष चैनु प्रसाद गुप्ता, सतुआ बाबा आश्रम के महामंडलेश्वर संतोष दास, व्यवस्थापक गुलशन कपूर आदि व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे।