Prachand Helicopter : भारतीय वायु सेना (IAF) में मेड इन इंडिया लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर 'प्रचंड' (LCH) का पहला बैच सोमवार को शामिल हो गया है। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) और वायु सेना प्रमुख (Chief of Air Staff) एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (Air Chief Marshal VR Choudhary) की मौजूदगी में जोधपुर में एक समारोह के दौरान ये हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में शामिल हुआ है।
Prachand Helicopter : भारतीय वायु सेना (IAF) में मेड इन इंडिया लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ (LCH) का पहला बैच सोमवार को शामिल हो गया है। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) और वायु सेना प्रमुख (Chief of Air Staff) एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (Air Chief Marshal VR Choudhary) की मौजूदगी में जोधपुर में एक समारोह के दौरान ये हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में शामिल हुआ है। राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)ने कहा कि आज भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में देश की प्रथम स्वदेशी LCH प्रचंड का आगमन हो रहा है। प्रचंड शक्ति, प्रचंड स्पीड और अटैक की क्षमता वाले इस LCH का आगमन हमारी वायु सेना की क्षमताओं में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर भी एक बड़ा कदम है।
बताते हैं इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर की ताकत के बारे में…
स्वदेश में विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) को सोमवार को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में शामिल कर लिया गया है। LCH के आने से भारतीय वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा।
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर की ताकत पर गौर करें तो इसमें कई मिसाइल दागने और हथियारों के इस्तेमाल की क्षमता है। ये हेलीकॉप्टर 51.10 फीट लंबा, 15.5 फीट ऊंचा है। 70MM का मिसाइल ले जाने की क्षमता है।
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर की ताकत पर गौर करें तो इसमें कई मिसाइल दागने और हथियारों के इस्तेमाल की क्षमता है। ये हेलीकॉप्टर 51.10 फीट लंबा, 15.5 फीट ऊंचा है। 70MM का मिसाइल ले जाने की क्षमता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में देश की प्रथम स्वदेशी LCH का आगमन हो रहा। प्रचंड शक्ति, हाई स्पीड और अटैक की क्षमता वाले इस LCH की एंट्री हमारी वायु सेना की क्षमताओं में बढ़ोतरी के साथ-साथ रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर भी एक बड़ा कदम है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान इसकी जरूरत को गंभीरतापूर्वक अनुभव किया गया। तब से लेकर अब तक की यानी दो दशकों की, देश की अनुसंधान और विकास का प्रतिफल LCH है। IAF में इसका शामिल होने से हमारे रक्षा उत्पादन की राह में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।