आजाद अधिकार सेना (Azad Adhikar Sena) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने यूपी के रायबरेली जिले में सीबीआई (CBI) तथा ईडी (ED) द्वारा चार्जशीट एक कंपनी को 142 करोड रुपए के टेंडर दिए जाने के मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज किए जाने की मांग की है।
रायबरेली। आजाद अधिकार सेना (Azad Adhikar Sena) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने यूपी के रायबरेली जिले में सीबीआई (CBI) तथा ईडी (ED) द्वारा चार्जशीट एक कंपनी को 142 करोड रुपए के टेंडर दिए जाने के मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज किए जाने की मांग की है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को भेजे अपने पत्र में उन्होंने कहा कि उन्हें प्राप्त अभिलेखों के अनुसार गोमती रिवर फ्रंट घोटाले (Gomti River Front scam) के संबंध में 2017 में हुई जांच में अन्य कंपनियों के साथ केके स्पन पाइप प्राइवेट लिमिटेड (KK Spun Pipe Private Limited) को भी दोषी पाया गया था। इस मामले में थाना गोमती नगर में एफआईआर (FIR) हुआ, जिसे सीबीआई (CBI) ट्रांसफर किया गया, जिसमें बाद में सीबीआई (CBI) तथा ईडी (ED) द्वारा अन्य के अतिरिक्त इस कंपनी को भी चार्जशीट किया गया।
यूपी में CBI ED द्वारा चार्जशीट कंपनी को नियमों के विपरीत 142 करोड़ का टेंडर देने के तथ्य सामने आए हैं, जो स्वयं में एक गंभीर भ्रष्टाचार है. @azadadhikarsena द्वारा UP CM से इस मामले में जांच करा कर FIR सहित कठोरतम कार्रवाई की मांग@CMOfficeUP @UPGovt @ChiefSecy_UP @PMOIndia pic.twitter.com/1S2DQ7zvKk
— Amitabh Thakur (Azad Adhikar Sena) (@Amitabhthakur) June 9, 2025
इसी बीच इस कंपनी ने अपना नाम केके स्पन पाइप (KK Spun Pipe) की जगह के के स्पन इंडिया (KK Spun India) कर लिया और 19 अक्टूबर 2020 को उत्तर प्रदेश जल निगम ने उसे रायबरेली सीवरेज प्रोजेक्ट फेज 3 (Raebareli Sewerage Project Phase 3) में 142.2 करोड़ का टेंडर दिया, जो 2 वर्षों में पूरा होना था लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार इस कंपनी को तमाम अन्य टेंडर भी मिले हैं। उन्होंने सीबीआई (CBI) तथा ईडी (ED) के चार्जशीट कंपनी को इस प्रकार टेंडर देने को प्रथमदृष्टया अत्यंत गंभीर प्रकरण बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस कंपनी को दिए गए सभी टेंडर का ब्यौरा प्राप्त करते हुए इन सभी टेंडर को निरस्त करने तथा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर सहित अन्य कठोरतम प्रशासनिक कार्रवाई किए जाने की मांग की है।