तीन दिनों के भीतर, कर्नाटक में ओला , उबर, रैपिडो ऑटो-रिक्शा सेवाएं बंद होनी वाली है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कर्नाटक परिवहन विभाग ने गुरुवार को इन प्लेटफॉर्म कंपनियों की ऑटो-रिक्शा सेवाएं (auto-rickshaw services) को अवैध घोषित (declared illegal) कर दिया है।
नई दिल्ली: तीन दिनों के भीतर, कर्नाटक में ओला , उबर, रैपिडो ऑटो-रिक्शा सेवाएं बंद होनी वाली है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कर्नाटक परिवहन विभाग ने गुरुवार को इन प्लेटफॉर्म कंपनियों की ऑटो-रिक्शा सेवाएं (auto-rickshaw services) को अवैध घोषित (declared illegal) कर दिया है।
विभाग ने कैब एग्रीगेटर्स द्वारा चलाई जा रही ऑटो सेवाओं को ऑन-डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2016 के तहत ‘अवैध’ बताया है। वाहन एग्रीगेटर्स को इस पर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है।
परिवहन विभाग को यात्री के तरफ से मिली शिकायत के आधार पर यह कदम उठाया जा रहा है। ओला और उबर को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है कि ये दो किलोमीटर से कम दूरी होने पर भी कम से कम 100 रुपये वसूले लेते हैं।
बेंगलुरु में न्यूनतम ऑटो किराया शुरुआती 2 किलोमीटर के लिए 30 रुपये और उसके बाद प्रत्येक किलोमीटर के लिए 15 रुपये तय किए गए हैं।
इस बीच, परिवहन आयुक्त टीएचएम कुमार के मुताबिक राज्य में ये इन प्लेटफॉर्म पर कर्नाटक ऑन-डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एग्रीगेटर्स का नियम, 2016 लागू है। जिसके तहत इनको केवल टैक्सी चलाने के लिए लाइसेंस दिया गया है, जो कि ऑटो पर लागू नहीं होता है।
उन्होंने बताया कि टैक्सी यानि एक ऐसा मोटर कै जिसमें ड्राइवर को छोड़कर छह यात्रियों बैठने से ज्यादा की क्षमता न हो। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने भी 9 सितंबर को चेतावनी जारी की थी।
जिसमें कहा गया था कि ओला, उबर और मेरु जैसे भारतीय कैब एग्रीगेटर्स (सीए) अपने कमाई का बंटवरा ड्राइवर के बीच किस तरह करते उसे स्पष्ट करें और पारदर्शी नीतियां तैयार करने के लिए कहा गया था।
विभाग ने आदेश का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। पत्र में कहा गया है, “एग्रीगेटर नियमों का उल्लंघन कर ऑटो-रिक्शा की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। साथ ही, यह विभाग को पता चला है कि ग्राहकों से सरकार द्वारा निर्धारित दरों से अधिक शुल्क लिया जा रहा है।